(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan Budget: राजस्थान में प्री-बजट मीटिंग, CM गहलोत ने किसानों और पशुपालकों के साथ की चर्चा
प्री बजट में शामिल हुए सीएम गहलोत ने कहा कि कृषि, पशुपालन से जुड़े क्षेत्र राज्य की जीडीपी और अर्थव्यवस्था की धुरी है. राज्य सरकार बजट के माध्यम से किसानों, पशुपालकों की समृद्धि के लिए प्रयासरत है.
Rajasthan Pre Budget Meeting: राजस्थान में पेश होने वाले आगामी बजट की तैयारियां तेज हो गई हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने शुक्रवार को किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघ पदाधिकारियों और जनजातीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों से संवाद किया. बैठक में सीएम गहलोत ने किसानों और पशुपालकों के सुख-दुख में भागीदार बनने का भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि कृषि, पशुपालन से जुड़े क्षेत्र राज्य की जीडीपी और अर्थव्यवस्था की धुरी है. राज्य सरकार बजट के माध्यम से किसानों, पशुपालकों की समृद्धि और खुशहाली के लिए आवश्यक प्रावधान करने को प्रयासरत है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पहली बार अलग से कृषि बजट लाने का ऐतिहासिक निर्णय किया. करीब दो-तिहाई आबादी विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं पानी की कमी के बावजूद मेहनत से कृषि क्षेत्र में प्रदेश को हमेशा अग्रणी पायदान पर रखने का सार्थक प्रयास करती है. हमारी पूरी कोशिश है कि बजट में किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाए जाने के प्रावधान हों.
बजट से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से मांगे सुझाव
सीएम गहलोत ने कहा कि लोकतांत्रिक सरकार के लिए सुझाव महत्वपूर्ण हैं. राज्य सरकार उपयोगी सुझावों को कृषि बजट में शामिल करने का प्रयास करेगी. किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने के लिए हर साल अलग से कृषि बजट पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों की भलाई के लिए विगत वर्षों में राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना, कृषक कल्याण कोष का गठन, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना, ऋण माफी, सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना, राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति जैसे कई अहम फैसले लिए हैं. राज्य सरकार के लिए गए फैसले कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं.
'तकनीक और नवाचार से होगा कृषि और डेयरी क्षेत्रों का विकास'
सीएम ने कहा कि राजस्थान में तकनीक और नवाचारों के माध्यम से कृषि और डेयरी क्षेत्रों का तेजी से विकास किया जा सकता है. हम तमाम चुनौतियों के बावजूद प्रयासरत हैं कि किसान और पशुपालक आत्मनिर्भर बन सकें. आज प्रदेश के किसान नवीन तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर उन्नत कृषि की ओर आगे बढ़ रहे हैं. प्रदेश में पानी की कमी और गिरते भूजल स्तर को देखते हुए राज्य सरकार बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई पद्धति को बढ़ावा दे रही है. प्रदेश सरकार ने खेतों में सोलर पैनल लगाकर किसानों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना लागू की है. राज्य सरकार किसानों को फसल का उचित दाम, अच्छी गुणवत्ता का खाद, बीज और कीटनाशक समय पर उपलब्ध करवाने के लिए काम कर रही है.
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बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से किसानों को लगभग 16 हजार 800 करोड़ रुपए की फसल बीमा राशि का भुगतान किया जा चुका है. कोरोना काल के बाद युवाओं का कृषि के प्रति रुझान बढ़ा है. युवा किसान नई तकनीक का उपयोग कर खेती को उन्नत बना रहे हैं. बैठक में जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ महेश जोशी, कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारीलाल मीणा, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार अरविंद मायाराम और सलाहकार गोविंद शर्मा, निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव कृषि दिनेश कुमार समेत वरिष्ठ अधिकारी, किसान, पशुपालक, डेयरी संघ पदाधिकारी और जनजाति क्षेत्र के प्रतिनिधि मौजूद रहे.