Rajasthan Precaution Dose Campaign: राजस्थान (Rajasthan) में प्रिकॉशन डोज (Precaution Dose) कम मिलने से स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य कैसे पूरा होगा, यह चिंता सताने लगी है. फ्री प्रिकॉशन डोज लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 75 दिन ही दिए हैं. ऐसे में पूरे राजस्थान में 5 करोड़ लोगों को प्रिकॉशन डोज लगानी है. केंद्र की तरफ से एक-दो दिन देरी होने के कारण राजस्थान में प्रिकॉशन डोज लेट पहुंच रही है, जिससे अभियान का लक्ष्य कैसे पूरा होगा, इसकी चिंता स्वास्थ्य कर्मियों को सता रही है.
वहीं प्रिकॉशन डोज कम आने की वजह से राजस्थान के जिलों को 15 से 20 हजार डोज ही भेजे जा रहे हैं. ऐसे में भेजे गए डोज लगाने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों को फिर 1 से 2 दिन का वैक्सीन आने का इंतजार करना पड़ता है. हालांकि, एक यह भी बड़ा कारण है कि लोगों में कोरोना का भय खत्म हो गया है तो लोग प्रिकॉशन डोज लगाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. अभी प्रदेश में हर रोज औसत 40 हजार लोग ही वैक्सीनेशन करवा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर सरकारी कर्मचारी और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग हैं, जबकि नवयुवक प्रिकॉशन डोज लगाने से दूर हैं.
15 जुलाई से शुरू हुआ था अभियान
केंद्र सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 18 से अधिक आयु वर्ग के लिए नि:शुल्क प्रिकॉशन डोज लगाने की शुरुआत 15 जुलाई से की थी. नि:शुल्क व्यवस्था बनाए रखने के लिए 75 दिन दिए थे. अकेले बूंदी जिले की बात करें तो 19 दिन में 86 हजार लोगों को ही प्रिकॉशन डोज लग पाई है, जबकि 19 दिन बीत चुके हैं. आंकड़ा प्रतिशत के अनुसार 8 फीसदी तक ही पहुंचा है. वहीं जिले का टारगेट 7 लाख से अधिक है. वैसे इसके बाद भी बूंदी का प्रदेश में 8वां स्थान बना हुआ है.
सीएमएचओ बोले- प्रिकॉशन डोज लगाने के लिए टीम कर रही है मेहनत
सीएमएचओ महेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 15 जुलाई से शुरू हुआ प्रिकॉशन डोज अभियान 30 सितंबर तक चलेगा. इन 75 दिनों में जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड वैक्सीन की फ्री प्रिकॉशन डोज लगाई जाएगी. शहरी क्षेत्र में भी सभी डिस्पेंसरी और दूसरे वैक्सीनेशन सेंटर पर भी यह सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि हमारी टीम लगातार प्रिकॉशन डोज लगाने के लिए मेहनत कर रही है. जैसे डोज मिलती है, वैसे हम सेंटरों पर डोज को अलॉट कर लगा रहे हैं.
'अभियान धीमा चल रहा है अभियान'
सीएमएचओ ने बताया कि बीच-बीच में डोज नहीं मिलने के कारण अभियान धीमा चल रहा है. हम घर से लेकर आंगनबाड़ी केंद्र तक, सब जगह पर स्वास्थ्य कर्मियों को भेजकर प्रिकॉशन डोज लगा रहे हैं. हमारे सामने एक यह भी समस्या है कि पूर्व में कोरोना काल में लोगों को वैक्सीन डोज लगाने के लिए डोज नहीं मिल पाती थी, आज डोज भी है तो लगाने वाले नहीं मिल रहे हैं.