Udaipur News: रूस-यूक्रेन युद्ध को 18 दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस युद्ध से यूक्रेन के हालात बद्दतर हो गए हैं लेकिन इसका प्रभाव दुनिया में कई देशों पर पड़ा है. देश में स्थानीय स्तर की बात करें तो 15 दिन में खाद्य पदार्थों के भावों में भारी तेजी आई है. इस आम आदमी की जेब को झटका लगा है. इसका मुख्य कारण है कि आयात कम होना और व्यापारियों द्वारा स्टॉक रखना.
फरवरी से बढ़ने लगी महंगाई
व्यापारियों का कहना है कि बाजार में महंगाई का ग्राफ फरवरी के अंतिम पखवाड़े में ही बढ़ने लगा था. अब युद्ध से महंगाई ने रफ्तार पकड़ ली है. एक पखवाड़े में लोकल मार्केट में तेल, घी, दूध, आटा, दाल समेत ज्यादातर घरेलू उपयोग की वस्तुओं के दामों में बड़ी तेजी आई है. व्यापारी सतीश कुमार व अमित कुमार का कहना है कि महंगाई बढ़ने की बड़ी वजह विदेशी आयात बंद होना है. 15 दिन में तेल, घी की कीमतों में तेजी एक साल के रिकॉर्ड स्तर पर है. क्योंकि तेल की कीमत प्रतिदिन दो रुपए किलो व घी की कीमत रोज पांच रुपए किलो तक बढ़ी है. देश में तिलहन पैदावार 20 प्रतिशत ही है. 80 प्रतिशत वेजिटेबल ऑयल का आयात विदेशों से किया जाता है. तेल के दाम बढ़ने के बाद मार्केट में साबुन सहित कई उत्पाद महंगे हो गए.
15-20 दिन में यह हो जाएंगे हालात
ऑयल मिल के संचालक सुनील पालीवाल के अनुसार फिलहाल तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है. यदि कच्चे माल का विदेशी आयात शुरू नहीं हुआ तो लोकल मार्केट में मार्च अंत तक तेल, घी समेत कई वस्तुओं की कीमतों में 15 से 20 रुपए प्रतिकिलो तक और तेजी आ सकती है. इधर, पेट्रोलियम एसोसिएशन के वश पोरवाल के अनुसार क्रूड ऑयल 100 डॉलर प्रति बैरल पार कर चुका है. अगले कुछ दिन में डीजल-पेट्रोल की कीमतों में इजाफा होने की संभावना है. सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम नहीं की तो भाव बढ़ना तय है.
इनके भाव में बढ़ोतरी
मार्केट में चना और मसूर की दाल को छोड़कर 15 दिन में दालों के भावों में भी तेजी आई है. मूंग और उड़द दाल के भाव दो से तीन रुपए प्रतिकिलो तक तेज हो गए हैं. फरवरी मध्य में मूंग दाल के थोक दाम 66 रुपए व उड़द दाल 88 रुपए प्रतिकिलो थे. फिलहाल मूंग दाल की थोक कीमत 88 रुपए और उड़द दाल की कीमत 90 रुपए प्रतिकिलो है. आटे की कीमतों में भी दो रुपए किलो तक की तेजी आई है. खुदरा मार्केट में 15 दिन पहले 24 रुपए किलो बिकने वाले आटे की कीमत अब 26 रुपए हो चुकी है.
गेंहू के लिए अवसर और परेशानी : गेहूं व्यापारी प्रकाश जैन ने बताया कि युद्ध के कारण गेहूं जो 2100 रुपए प्रति क्विंटल था अब 2600 रुपए पहुंच चुका है. इससे किसानों को काफी फायदा है लेकिन आम आदमी पर महंगाई का असर आएगा. साथ ही देश के लिए अवसर है कि बाहर भारी मात्रा में निर्यात होगा.
प्रतिकिलो के अनुसार भाव की स्थिति
जिंस : अभी थोक : 15 दिन पहले थोक
सरसों : 167 : 140
सोयाबीन : 167 : 140
मूंगफली : 190 : 160
वनस्पति घी : 170 : 145
देशी घी : 490 : 416
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