Hitendra Garasiya Case: प्रियंका गांधी ने PM मोदी को लिखी थी चिट्ठी, सरकार ने उठाया कदम...पूरी होगी मांग
Rajasthan News: प्रियंका गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उदयपुर के रहने वाले हितेंद्र गरासिया का शव रूस से भारत लाने की मांग की थी. सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है.
Rajasthan Hitendra Garasiya Case: राजस्थान के एक आदिवासी व्यक्ति का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए रविवार को उसके पैतृक स्थान उदयपुर (Udaipur) लाया जाएगा. गोडवा गांव के रहने वाले हितेंद्र गरासिया (46) 17 जुलाई 2021 को मास्को में मृत पाए गए थे. रूस की सरकार ने भी गरासिया के शव को कब्र से निकालने और सौंपने के लिए सहमति व्यक्त की थी. एक अधिकारी ने कहा कि शव को प्राप्त करने और परिवार को सौंपने की तैयारी नई दिल्ली के 'बीकानेर हाउस' में की गई है.
प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को लिखी थी चिट्ठी
बता दें कि, पूरे मामले को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) खत लिखकर हितेंद्र गरासिया (Hitendra Garasiya) के पार्थिव शरीर को स्वदेश लाए जाने का अनुरोध किया था. प्रियंका ने कहा था कि बेटी अपने पिता को आखिरी बार देखना चाहती है. उन्होंने अपने पत्र में ये भी कहा था कि, गरासिया के परिवार के सदस्य उनके पार्थिव शरीर को भारत लाए जाने की मांग कर रहे हैं ताकि सम्मानजनक अंतिम संस्कार किया जा सके.
परिवार ने प्रियंका गांधी से की थी मुलाकात
गौरतलब है कि, गरासिया की पत्नी आशा देवी, बेटी उर्वशी और बेटे पीयूष ने बूंदी के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा के साथ दिल्ली में प्रियंका के कार्यालय में उनसे मुलाकात की थी. शर्मा के मुताबिक, प्रियंका ने गरासिया के परिवार को आश्वाासन दिया कि वो भविष्य में उनका ध्यान रखेंगी. कांग्रेस सचिव और राजस्थान के जहाजपुर से पूर्व विधायक धीरज गुर्जर भी इस मुलाकात के दौरान मौजूद थे.
मास्को में मृत पाए गए थे गरासिया
हितेंद्र गरासिया एक साल के 'वर्क वीजा' पर पिछले साल अप्रैल में रूस गए थे, लेकिन मास्को के एक पार्क में कथित तौर पर मृत पाए गए थे. मास्को पुलिस ने इसे दुर्घटना से हुई मौत बताते हुए मामला बंद कर दिया और बाद में शव को मास्को में दफन कर दिया गया. गरासिया के परिवार को स्थानीय पुलिस से पिछले साल 28 अगस्त को उनकी मृत्यु की सूचना मिली थी. तब से उनका परिवार पार्थिव शरीर को वापस लाने के लिए प्रयास कर रहा है. परिवार ने पिछले साल दिसंबर में राजस्थान उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था.
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