उदयपुर में सोमवार को वकीलों ने कार्य बहिष्कार किया और फिर रैली निकाली. फिर जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंच उग्र प्रदर्शन किया. इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात हुआ. यह केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के फैसले के विरोध में हुआ. प्रदर्शन के बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गई. यहीं नहीं उदयपुर भाजपा सांसद अर्जुनलाल मीणा ने भी वकीलों का समर्थन करने की बात कहीं है. फिलहाल अपनी मांग को लेकर अधिवताओं ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपा हैं.
यह है मांग, 43 साल से उदयपुर के अधिवक्ता कर रहे हैं
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया कि उदयपुर एक जनजातीय क्षेत्र है और हाईकोर्ट जोधपुर लगती है. यहां मुकदमे की फाइल हाईकोर्ट जाती है तो जनजातीय क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो जाती है. पहला तो उदयपुर काफी दूर हैं और दूसरा वहां जाने के लिए आर्थिक रूप से यहां के जनजाति मजबूत नहीं है.
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण मुकदमे से जुड़े कई लोग नहीं जा पाते हैं. केंद्र सरकार ने खुद कहा कि हर घर न्याय हो लेकिन उदयपुर की जनता के लिए नहीं. इसके समाधान के लिए हम वकील 43 साल से उदयपुर में हाई कोर्ट बैंच की मांग की जा रही है लेकिन अब तक नहीं मिली.
विधि मंत्री के फैसले पर विरोध उग्र इसलिए हुआ
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मोगरा ने बताया कि हाई कोर्ट बैंच की मांग तो हम लंबे समय से कर ही रहे हैं, क्योंकि यहां के लोगों का यह हक है कि उन्हें सस्ता और सुलभ न्याय मिले. लेकिन अर्जुन राम मेघवाल ने बीकानेर में हाईकोर्ट वर्चुअल बैंच की स्थापना करने का फैसला लिया है जबकि प्राथमिकता उदयपुर के जनजातीय क्षेत्र की है.
विधि मंत्री से बात हुई है जिसके लिए एक दल दिल्ली में उनसे मिलने जाएगा. उनके साथ बैठक के बाद ही आगे की रणनीति तय होगी. यहीं नहीं सांसद अर्जुन मीणा ने कहा कि अगर बीकानेर में वर्चुअल हाईकोर्ट बैंच की स्थापना हुई तो वह स्वयं धरने पर बैठेंगे.