Bharat Jodo Yatra News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान से गुजर रही है. कांग्रेस शासित राज्य होने के बावजूद यहां राहुल गांधी की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है. कोटा में चाक-चौबंद सुरक्षा घेरे को तोड़कर एक युवक राहुल गांधी के पास पहुंच गया और आत्मदाह का प्रयास किया. गनीमत रही कि समय रहते अन्य यात्रियों ने उसे बचा लिया. इस घटना के बाद राजस्थान सरकार की सुरक्षा व्यवस्था और इंटेलिजेंस पर सवाल उठ रहे हैं. यह एक बड़ी चूक है जिसके परिणाम घातक हो सकते थे. इसके बावजूद किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया. इसे महज सामान्य घटना मानकर अनदेखी कर दी. हैरानी है कि बीते दो साल में ब्यूरोक्रेसी के कई बड़े अफसरों के खिलाफ एक्शन लेने वाली सरकार ने इस मामले को सीरियस क्यों नहीं लिया.


2 साल में 100 से अधिक अफसर एपीओ


सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते दो साल में राजस्थान सरकार ने सौ से अधिक अफसरों को एपीओ और 46 अधिकारियों को सस्पेंड किया है. इनमें आरएएस, आईएएस, आरपीएस, आईपीएस और अन्य अधिकारी शामिल हैं. ऐसे में अब सूबे के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है कि राहुल गांधी की यात्रा में हुई घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं हुआ. क्या सरकार की नजर में यह एक सामान्य घटना है.


इन अफसरों को किया था सस्पेंड


सरकार ने रीट पेपर लीक प्रकरण में आरएएस अरविंद सेंगवा और नेहा मर्डर केस में प्रदीप बालाच को सस्पेंड किया था. भ्रष्टाचार के आरोप में बीडी कुमावत, वीरेंद्र वर्मा, सुनील झिंगोनिया, ममता यादव, पिंकी मीणा, सुनील कुमार, विजय सिंह नाहटा, योगेश सिंह देवल, अशोक सांखला, भंवरलाल कसोटिया, पुष्कर मित्तल को निलंबित किया था. आकाश तोमर, कनक जैन, केशव मीणा को जाति-वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में सस्पेंड किया गया था. राजेश नायक, कैलाशचंद गुर्जर, अंजना सहरावत, नरेंद्र कुमार थोरी, अंजू शर्मा को कार्य के प्रति लापरवाही और अशोभनीय आचरण के आरोप में सस्पेंड किया था.


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