Rajasthan Train News Today: यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर राजस्थान में रेल परिवहन को बेहतर किया जा रहा है. इसका असर भी दिखने लगा है. इसी कड़ी में ऑटोमैटिक ब्लॉक सिगनलिंग प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है. 


रेलवे के जरिये ट्रेनों के संचालन में सुरक्षा को सुदृढ़ करने के साथ-साथ, अधिक ट्रेनों के संचालन और ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. संरक्षित और तीव्र रेल संचालन में आधुनिकतम सिग्नल प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है. 


90 किमी लगी ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली
उत्तर पश्चिम रेलवे पर सिग्नल प्रणाली के अपग्रेडेशन के लिए अलग-अलग स्तर पर काम किया जा रहा है. उत्तर पश्चिम रेलवे में लगभग 90 किलोमीटर अत्याधुनिक ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली लगाई गई है, जिससे संरक्षा में बढ़ोतरी होगी साथ ही लाइन क्षमता भी बढ़ेगी. 


उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार, उत्तर पश्चिम रेलवे प्रबंधक अमिताभ, महाप्रबंधक के नेतृत्व में आधुनिक तकनीक और नवाचार पर विशेष जोर दिया जा रहा है.


इस रूट पर काम हो गया है पूरा
रेल परिवहन को संरक्षित, सुगम, तीव्र और सुविधाजनक बनाने के लिए कदम उठाया जा रहा है. जिसमें अत्याधुनिक ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली लगाने का काम तेज गति से हो रहा है. 


उत्तर पश्चिम रेलवे में 450 किलोमीटर रेलमार्ग पर लगभग 900 करोड़ रुपये की लागत से ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली लगाने का कार्य स्वीकृत किया गया है. जिसमें से 90 किमी रेलमार्ग पर ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली का कार्य पूरा किया जा चुका है.
 
उत्तर पश्चिम रेलवे में अजमेर-साखुन (57 किमी), गांधीनगर जयपुर-कानोता (18 किमी) और गांधीनगर जयपुर- जयपुर- कनकपुरा (14.3 किलोमीटर) रेलमार्गों पर ऑटोमेटिक सिगनलिंग प्रणाली लगाई गई है. गांधीनगर जयपुर-जयपुर-कनकपुरा रेलखण्ड पर 21 जुलाई को कार्य पूरा कर लिया गया है.


इस रेलरूट पर काम है अंतिम चरण में
ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली की स्थापना से संरक्षा मजबूत होगी और एक ब्लॉक सेक्शन में एक से अधिक ट्रेनें संचालित हो सकेंगी. जिससे लाइन क्षमता में बढ़ोतरी होगी और अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा. इससे ट्रेनों का रनिंग टाइण बेहतर होगा. 


ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली के लिए टेंडर अवार्ड
उत्तर पश्चिम रेलवे में 450 किलोमीटर रेलमार्ग पर ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली के कार्य स्वीकृत हैं, जिसमें अधिकतर कार्य रेलमार्ग में दोहरीकरण के साथ ही किए जा रहे हैं. जिनके टेंडर अवार्ड कर दिए गए हैं. 


इसके अलावा कई महत्वपूर्ण रूट जैसे पालनपुर-अजमेर-जयपुर-रेवाडी रेलमार्ग के शेष रेलखंडो पर ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली के कार्य स्वीकृति के अंतिम चरण में है.


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