Rajasthan News: अपनी मांगों को लेकर पिछले 20 साल से संघर्ष कर रहे रेलवे के इंजीनियर्स ने अपनी मांगों को लेकर विरोध के स्वर मुखर किए हैं. उन्होंने रेलवे बोर्ड को चेतावनी दी की मांगो पर ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा. जिससे पूरा रेलवे सिस्टम चरमरा जाएगा.
रेलवे इंजीनियरों ने रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के पदोन्नति के आदेश को छलावा बताया है. इसके विरोध में इंजीनियरों ने डीआरएम कार्यालय के समक्ष जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी भी की. इसके बाद इंजीनियरों ने डीआरएम की अनुपस्थिति में एडीआरएम आरआर सिंह के सामने अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा. इंजीनियरों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उनकी मांगो को नहीं माना गया तो आंदोलन और तेज होगा.
आदेश में इंजीनियरों के फाइनेंसियल अपग्रेडेशन का जिक्र नहीं
विरोध प्रदर्शन के दौरान वेस्ट-सेंट्रल रेलवे इंजीनियर एसोसिएशन के जोनल सचिव बीके शर्मा ने कहा कि पिछले महीने 17 नवंबर को रेल मंत्री ने अधीनस्थ जूनियर इंजीनियर और सीनियर सेक्शन इंजीनियरों के अपग्रेडेशन के आदेश जारी किए थे. इसके बाद भी रेलवे बोर्ड ने अपने आदेश में इंजीनियरों के फाइनेंसियल अपग्रेडेशन का कोई जिक्र नहीं किया. इसके चलते इंजीनियरों को अभी भी ग्रुप डी का स्टेटस मिलने का इंतजार है. ऐसे में रेल मंत्री के आदेश छलावा मात्र साबित हो रहा है.
80 हजार इंजीनियर्स हो रहे प्राभावित
शर्मा ने कहा कि रेलवे के 80 हजार इंजीनियर्स करीब 20 साल से अपग्रेडेशन का इंतजार कर रहे हैं. इन इंजीनियर्स को अब तक लाखों का नुकसान हो गया है. शर्मा ने बताया कि ग्रुप सी के पदों के वर्गीकरण के लिए गठित कमेटी द्वारा भी इंजीनियरों को अपग्रेडेशन करने और ग्रुप बी का स्टेटस देने की सिफारिश की गई थी. रेलवे बोर्ड द्वारा इस सिफारिश को भी नहीं माना जा रहा है. जिससे बडी संख्या में इंजीनियर्स में आक्रोश है.