Bundi News: बूंदी में दूसरे दिन भी बाढ़-बारिश से कॉलोनियां जलमग्न, लोगों के घरों में नहीं बना खाना
Rajasthan News: बूंदी में दूसरे दिन नवल सागर झील और जैतसागर झील में उफान कम रहा. जिसके चलते शहर के जवाहर नगर महावीर कॉलोनी में बाढ़ का पानी कम हुआ लेकिन घरों में पानी अभी भी भरा हुआ ही है.
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Bundi Flood: राजस्थान (Rajasthan) के बूंदी (Bundi) में भारी बारिश के बंद होते ही रिमझिम बारिश का दौर जारी शुरू हो गया. शहर में 24 घंटे से लगातार हुई भारी बारिश के कारण दूसरे दिन नवल सागर झील (Nawal Sagar Lake) और जैतसागर झील (Jaitsagar Lake) में उफान कम रहा. जिसके चलते शहर के जवाहर नगर महावीर कॉलोनी में बाढ़ का पानी कम हुआ लेकिन घरों में पानी अभी भी भरा हुआ ही है. आज भी इन कॉलोनियों के घरों में खाना नहीं बन पाया.
लोगों ने प्रशासन पर लगाया आरोप
ऐसे में प्रशासन ने सोमवार को खाने के पैकेट्स बटवा कर लोगों को राहत पहुंचाई. आज मंगलवार को स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन ने आज किसी प्रकार की मदद नहीं की. खाने के पैकेट मुहैया नहीं करवाए. लोगों ने कहा कि खाना तो बहुत दूर की बात है पीने का पानी तक भी नसीब नहीं हुआ. वहीं इस बाढ़ ग्रस्त कॉलोनी का जायजा लेने के लिए बूंदी जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी प्रशासनिक अमले के साथ कॉलोनी पहुंचे. जहां लोगों ने अपनी पीड़ा कलेक्टर को बताई.
अतिक्रमण से हुआ ये हालात
लोगों ने कहा कि अगर नाले से अतिक्रमण हटाया जाता तो शायद ऐसी स्थिति इस वर्ष भी नहीं पनपती लेकिन इसका समाधान करना होगा. तभी हालात से निपटा जा सकेगा. कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान में पानी के निकास पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि पानी घरों में रुके नहीं और सीधा निकास हो जाये. वहीं मौके पर अपनी गाड़ी लेकर पहुंचे जिला कलेक्टर ने कई बुजुर्ग दंपतियों को भी अपनी गाड़ी में बैठा कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा और उनके हालचाल जाने.
जिला कलेक्टर ने कही ये बातें
बूंदी जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि बूंदी में आज मंगलवार को बिल्कुल सामान्य स्थिति हो गई. चंबल के रूद्र रूप को देखते हुए हमने प्रशासन के साथ जिले के रोटेदा, घाट का बराना गांव सहित आसपास के गांव का दौरा किया और हालातों का जायजा लिया है. उन्होंने कहा कि हमने बाढ़ की चपेट में आने वाले परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम किया है ताकि कोई जनहानि नहीं हो. उन्होंने बताया कि शहर के कुछ कॉलोनियों का दौरा कर वहां खाने के पैकेट्स और दूध पहुंचाया जा रहा है.
जैतसागर झील के गेट खोलने से उफनता है नाला
शहर के बीच जैतसागर झील हर वर्ष भारी बारिश होने के बाद पानी लबालब हो जाती है. ऐसे में प्रशासन झील के सभी गेट को खोल कर पानी की निकासी करता है. उसी से सटे करीब 10 किलोमीटर लम्बे जैतसागर नाला उफान पर आ जाता है. यह नाला शहर की कई कॉलोनियों से होता हुआ मांगली नदी में जाकर मिलता है. नाले पर अतिक्रमण होने के चलते सड़कों पर नाले का उफान देखने को मिलता है. तूफान के कारण करीब आधा दर्जन रास्ते बंद हो जाते हैं. शहर के बीचो-बीच इन रास्तों से आवाजाही रुक जाती है.
हर वर्ष 20 हजार लोग होते हैं प्रभावित
भारी बारिश होने के कारण जैतसागर नाला उफान पर आते ही हर वर्ष 20 हजार लोग बाढ़ में डूब जाते हैं. नाले पर अतिक्रमण होने के कारण नाला कई जगहों से सकरा हो चुका है. नाला करीब 75 फीट चौड़ा और 10 फिट गहरा था जो अतिक्रमण होते-होते करीब 10 फिट तो कहीं 2 फीट ही रह गया था. इसके कारण नाले का पानी उफान के साथ सड़कों पर आता है.
इस वजह से शहर की जवाहर कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, बहादुर सिंह सर्किल, सहित कई कॉलोनियां के रास्ते बंद होने के साथ ही घरों में पानी घुस जाता है. यह हालात लगातार बारिश जारी होने के साथ बनी रहती है. घरों में पानी घुस जाने के चलते लोगों को नुकसान भी उठाना पड़ता है. लोग घरो में रहने को मजबूर हो जाते है.
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