Rajya Sabha Election 2022: राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस-बीजेपी ने जारी किया व्हिप, जानें- विधायकों के लिए क्या इसका मतलब?
राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है. वहीं भाजपा-कांग्रेस ने अपने विधायकों को व्हिप भी जारी कर दिया है. वहीं एक्सपर्ट्स की माने तो 200 विधायक किसी को भी वोट दे सकते हैं.
Rajya Sabha Election 2022: राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा-कांग्रेस ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है. सबसे बड़ा सवाल है कि क्या व्हिप के बावजूद पार्टी विधायक दूसरे दल को वोट दे सकते हैं. एबीपी न्यूज़ ने एक्सपर्ट वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद पुरोहित व अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे से बात की तो सामने आया कि सभी 200 विधायक किसी को भी वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं. इन पर दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई नहीं होगी. विधायकी बची रहेगी.
इलेक्शन कंडक्ट रूल्स 1961 का सेक्शन 39 ए(ए) क्या कहता है?
दरअसल इलेक्शन कंडक्ट रूल्स 1961 का सेक्शन 39 ए(ए) कहता है कि पार्टी व्हिप राज्यसभा चुनाव पर पूरी तरह लागू नहीं होता.वह विधानसभा सत्र के अंदर लागू होता है. व्हिप के अधीन आने वाले विधायकों को नामित पार्टी एजेंट को वोट दिखाना होगा,लेकिन वोट किसी को भी दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2018 में नोटा लागू करने पर भी अपना फैसला देते हुए नोटा लागू करने से स्पष्ट इनकार कर दिया था! राज्यसभा चुनाव में नोटा लागू नहीं होता है. 2018 का सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आया था. शैलेश मनु भाई परमार बनाम चुनाव आयोग राज्यसभा में चुनाव में नोटा प्रमोट नही किया जा सकता है
व्हिप जारी करना क्या होता हैं
कोई भी पार्टी अपने सदस्यों को एक मैंडेट जारी करती हैं उसको पार्टी के सदस्यों को मानना होता है. सदस्य पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध हैं. उसके अनुसार मत देना होता है कोई भी एमएलए माने या नहीं माने. इसको लेकर दल बदल कानून का उल्लंघन नहीं होता है. ऐसा करने से किसी भी विधायक की विधायकी नहीं जाती है.
व्हिप के उल्लंघन पर क्या कार्रवाई होगी?
व्हिप के उल्लंघन पर पार्टी स्तर पर कार्रवाई तो हो सकती है, पर दल-बदल कानून उल्लंघन की कार्रवाई नहीं हो सकती है. व्हिप उल्लंघन करने पर पार्टी से निकालने या अगली बार टिकट न देने का फैसला लिया जा सकता है.
13 निर्दलीय को वोट दिखाना जरूरी नहीं
13 निर्दलीयों पर किसी भी पार्टी का व्हिप लागू नहीं होता. उनके लिए किसी पार्टी एजेंट को वोट दिखाना जरूरी नहीं है. यदि वोट दिखाया जाता है तो खारिज हो जाएगा. जैसा कि पूर्व में अहमद पटेल गुजरात राज्य सभा चुनाव में हुआ था तब वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शिकायत पर चुनाव आयोग ने मत रद्द कर दिया था जिसके कारण अहमद पटेल चुनाव जीते थे. वहीं किसी एजेंट को वोट दिखाने पर यह खारिज हो जाएगा.
किन छोटी गलती से वोट खारिज हो सकता है ?
- प्रत्याशी क्रम अंकों की जगह शब्दों में लिखे तो वोट खारिज हो सकता है.
- बैलेट पेपर पर कांट-छांट की या स्याही बदली तो वोट खारिज कर दिया जाता है.
- व्हिप में भी एंटी पार्टी के प्रत्याशी को पहली वरीयता दी और एजेंट को दिखा भी दिया तो भी वोट विरोधी को जाएगा.
- निर्दलीय, बीटीपी, सीपीएम ने कांग्रेस या भाजपा एजेंट को वोट दिखा दिया तो खारिज हो जाएगा.
- आरएलपी-बीजेपी के विधायक ने कांग्रेस एजेंट को दिखाया तो वोट खारिज हो जाता है !
- एक से अधिक प्रत्याशियों को एक जैसी वरीयता भरी तो भी यानी वरीयता डबलिंग पर खारिज हो जाता है.
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