राजस्थान के सवाई माधोपुर से 15 किलो मीटर दूर पहाड़ियों के बीच रणथंभौर में प्राचीन त्रिनेत्र गणेश मंदिर है. इस मंदिर को गणपति बप्पा का हेड ऑफिस कहा जाता है और प्राचीन समय से इसकी बहुत मान्यता है. कहा जाता है कि यहां हर मन्नत पूरी होती है. मंदिर के पुजारी के मुताबिक यह मंदिर द्वापर युग में बनाया गया था. भगवान श्री कृष्ण अपने विवाह से पहले यहां पर न्यौता देने आए थे.
भक्त मंगल कार्यों का निमंत्रण पत्र सबसे पहले गणपति बप्पा को भेजते हैं
इसी वजह से देश भर से भक्त अपने घरों में होने वाले मांगलिक कार्यों का पहला निमंत्रण पत्र गणपति बप्पा के लिए भेजते हैं. पोस्ट ऑफिस में भी इस जगह का अलग फिट बॉडी बना दिया गया है. कार्ड पहुंचने पर पंडित जी उसकी अर्जी गणपति बप्पा के सामने लगाते हैं और कार्ड एक कमरे में इकट्ठे किए जाते हैं. कटे होने के बाद कार्ड का जल सरोवर में निस्तारण कर दिया जाता है.
मंदिर में पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं गणपति बप्पा
बता दें कि यह दुनिया में अकेला एक ऐसा मंदिर है जहां पर गणपति बप्पा पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं. एक तरफ रिद्धि एक तरफ सिद्धि और बीच में गणपति ऐसी प्रतिमा आपने बहुत देखी होंगी. लेकिन गणेश जी के दो पुत्र हैं और पूरा परिवार एक ही जगह देखने व दर्शन करने के लिए को रणथंभौर के प्रसिद्ध त्रिनेत्र गणेश मंदिर ही आना होगा.
रणथंभौर का किला राजा हमीरदेव सिंह ने बनवाया था
गौरतलब है कि रणथंभौर का किला राजा हमीरदेव सिंह ने बनवाया था. इस किले को रणथंभौर इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह 84 विंध्याचल की पहाड़ियों से घिरा हुआ है. साथ ही इसकी एक पहाड़ी पर महल के छोर पर त्रिनेत्र गणेश परिवार मंदिर बनाया गया है. मंदिर के पंडित बताते हैं यहां पर दर्शन करने मात्र से लोगों के संकट दूर हो जाते हैं.
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