Rajasthan Kota Rat Bites Patient Eye: राजस्थान (Rajasthan) में बेहतर चिकित्सा सेवा देने का दम भरने वाली अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार के अस्पतालों का हाल बेहाल है. कोटा (Kota) से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण राजस्थान की बेहतर स्ट्रोक यूनिट में से एक कोटा एमबीएस अस्पताल (Kota MBS Hospital) की स्ट्रोक यूनिट में भर्ती महिला मरीज की आंख (Eye) को देर रात चूहों (Rat) ने कुतर दिया. महिला की पलक के 2 टुकड़े हो गए हैं. मामले की जानकारी लगते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ विजय सरदाना (Dr Vijay Sardana) इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते रहे. मामला सोमवार देर रात का है.
40 दिनों से अस्पताल में भर्ती है महिला
महिला के पति देवेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि उसकी पत्नी रूपमति भाटी को लकवा हुआ था. उसका शरीर गर्दन से नीचे बिल्कुल भी काम नहीं करता, केवल गर्दन के ऊपर का हिस्सा काम करता है. रूपवती पिछले 40 दिन से यहां भर्ती है. उन्होंने बताया कि यहां चूहे तो हैं पर ये नहीं पता था कि इतने खतरनाक हैं. रात करीब 3 बजे महिला की आंख को चूहों ने कुतर डाला. महिला गर्दन से हलचल करती तो चूहे चले जाते लेकिन फिर थोड़ी देर में आ जाते. चूहों ने उसकी पलक के 2 टुकड़े कर दिए. जब उठकर देखा तो आंख से खून-ही खून निकल रहा था. तत्काल डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को सूचित किया तो उनके भी होश उड़ गए. सुबह इसकी जानकारी यूनिट हेड को दी गई, आंख के डॉक्टर भी आए और मरीज की पलक में टांके लगाए गए हैं.
कोटा के सबसे बड़े अस्पताल में रात को घूमते हैं चूहे
कोटा संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में चूहों का आतंक इस कदर है कि पहले भी कई मरीजों को वो अपना निशाना बना चुके हैं. हॉस्पिटल के उपाधीक्षक डॉ समीर टंडन का कहना है कि, ''यहां पेस्टीसाइड कंट्रोल कार्यक्रम चला रखा है, जिसके तहत यहां मच्छर, मक्खी, कॉकरोच तक नहीं आ सकते, ऐसे में ये चिंता का विषय है कि चूहे कहां से आ गए. तीन महीने में एक बार पेस्टीसाइड कंट्रोल किया जाता है.'' इंतजाम चाहे जो भी हों, केमिकल के छिड़काव से कीटाणु रहित यूनिट में बड़े-बड़े चूहों का होना चिकित्सा विभाग की लापरवाही का बड़ा उदाहरण है.
करवाई गई सर्जरी
महिला मरीज के पति देवेन्द्र सिंह भाटी बताया कि सोमवार देर रात 3:00 बजे वो अपनी पत्नी के पास ही आईसीयू में थे. पत्नी को देखा तो उसकी दाईं आंख की पलकों को चूहा कुतर रहा था जिसे भगाया. पत्नी ने थोड़ी हलचल की गर्दन को हिलाया, तब उनकी नींद टूटी. उन्होंने देखा तो आंखों में से खून टपक रहा था जिसके बाद इस संबंध में डॉक्टरों से बात की. डॉक्टरों ने नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों को कंसल्ट किया और उपचार की बात कही. जिस पर डॉक्टरों ने सर्जरी को आंख का इलाज किया.
परिजनों की भी बनती है जिम्मेदारी
एमबीएस अस्पताल के उपधीक्षक डॉ समीर टंडन ने तो मामले से पलड़ा ही झाड़ लिया और कहा की चूहे ने न्यूरो स्ट्रोक आईसीयू में मरीज को काटा है या नहीं इस मामले की जांच करवा रहे हैं. डॉ समीर टंडन ने कहा की मामले में अस्पताल प्रबंधन की गलती है या किसी और की, इसकी भी जांच होगी. कोटा में मरीज के परिजन को भी आईसीयू में एंट्री रहती है. ऐसे में जब वो वहां पर मौजूद थे, तब उनकी भी जिम्मेदारी बनती थी की वो भी मरीज का ध्यान रखें. हम ये नहीं कह सकते कि हमारी गलती है इसमें, इस संबंध में प्रभारियों से भी रिपोर्ट मांगी गई है.
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