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Rajasthan News: राजस्थान में खाद्य सुरक्षा सूची से हटाए गए 79 लाख से ज्यादा लोगों के नाम, जानें- क्या है वजह?
Rajasthan Ration Card: राजस्थान में खाद्य सुरक्षा सूची से 79 लाख से ज्यादा लोगों के नाम हटाए गए हैं, यहां जानें इस बारे में विभाग का क्या कहना है.
![Rajasthan News: राजस्थान में खाद्य सुरक्षा सूची से हटाए गए 79 लाख से ज्यादा लोगों के नाम, जानें- क्या है वजह? Rajasthan Ration Card 79 lakh names removed from food security scheme list in Rajasthan ann Rajasthan News: राजस्थान में खाद्य सुरक्षा सूची से हटाए गए 79 लाख से ज्यादा लोगों के नाम, जानें- क्या है वजह?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/25/31fbef4aa2826edf3ba0cbe12bcd60141664096384978367_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
(राशन लेने के लिए लाइन में खड़े कार्डधारी)
Rajasthan Latest News: राजस्थान (Rajasthan) में खाद्य सुरक्षा योजना (Food Security Scheme) में लाभ ले रहे लाभार्थियों के लिए एक चौंकाने वाली ख़बर है. विभाग ने फर्जी तरीके से राशन उठा रहे लोगों पर कैंची चलाना शुरू कर दिया है और उनके राशन कार्ड बंद कर दिए हैं. इनमें 12 लाख 17 हजार से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जो परिवार में मौत के बाद भी उनके नाम पर सरकारी गेहूं ले रहे थे. इसमें मृत्यु, पुत्री का विवाह होने, गांव या शहर से पलायन होने जैसे मामले शामिल हैं. ऐसे मामले सामने आने के बाद विभाग ने पूरे राजस्थान भर में घर-घर जाकर राशन कार्ड का सत्यापन करवाया तो 79 लाख 25 हजार से ज्यादा नाम ऐसे थे, जो फर्जी तरीके से राशन उठा रहे थे.
पहले राशन कार्डों से इनके नाम हटाने के बाद उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना से भी हटा दिया है. विभाग का कहना है कि प्रदेश में लगातार राशन कार्डों का सत्यापन किया जाता रहेगा, ताकि ऐसे चोरी पकड़ में आए. इतनी तादाद में फर्जी गेहूं लेने वालों की संख्या कम होने से उन गरीबों को फायदा मिलेगा, जो सच में इस योजना के लिए पात्र हैं.
इन जिलों में इतने नाम हटे
खाद्य सुरक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अजमेर में 2,91,186, अलवर में 5,15,950, बांसवाड़ा में 3,41,318, बारां में 1,68,468, बाड़मेर में 2,17,879, भरतपुर में 2,76,836, भीलवाड़ा में 3,09,095, बीकानेर में 2,67,969, बूंदी में 1,42,613, चित्तौड़गढ़ में 1,88,132, चूरू में 2,35,580, दौसा में 1,87,394, धौलपुर में 2,24,548, डूंगरपुर में 2,29,494, श्रीगंगानगर में 1,92,253, हनुमानगढ़ में 1,59,513, जयपुर में 5,54,335, जैसलमेर में 72,151, जालोर में 1,91,053, झालावाड़ में 1,88,957, झुंझुनूं में 2,27,557, जोधपुर में 3,34,393, करौली में 2,22,527, कोटा में 2,13,445, नागौर में 3,79,038, पाली में 2,30,117, प्रतापगढ़ में 1,70,949, राजसमंद में 1,28,677, सवाई माधोपुर में 1,46,467, सीकर में 2,92,776, सिरोही में 1,28,786, टोंक में 1,86,431, उदयपुर में 3,09,851 लोगों के नाम हटाए गए हैं.
ऐसे सामने आए संदिग्ध नाम
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान में साल 2020 में वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम के तहत राशन कार्डों को जन आधार कार्ड से मिलान का कार्य शुरू किया गया. इसमें पता चला कि चयनित परिवार के सदस्य का नाम राशन कार्ड में तो है, लेकिन जन आधार कार्ड में नहीं हैं. इसी प्रकार संदिग्ध नामों की सूची बढ़ती गई तो विभाग सक्रिय हुआ और उन्होंने घर-घर जाकर राशन कार्ड का सत्यापन करना शुरू कर दिया और इतनी बड़ी संख्या में राशन उठाने वाले लोग सामने आए. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक मामले जयपुर ग्रामीण में सामने आए हैं.
यहां एक लाख 51 हजार से ज्यादा मृतकों के नाम से गेहूं लिया जा रहे थे, जबकि बाड़मेर जिले में 78 हजार लोगों के नाम से गेहूं लिया जा रहा था. विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों में कई मामले पकड़े हैं, जिन्हें अब सूची से हटा दिया है.
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