Rajasthan News: गांधी सागर अभ्यारण में पशुपालकों की एंट्री पर लगा प्रतिबंध, आम लोगों के जाने भी पर लगाया शुल्क
Rajasthan: राजस्थान के रावतभाटा क्षेत्र, मुकुंदरा नेशनल पार्क से लगते हुए मध्य प्रदेश की गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण में पशु चराने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया.
Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary: राजस्थान (Rajasthan) के रावतभाटा (Rawatbhata) क्षेत्र, मुकुंदरा नेशनल पार्क से लगते हुए मध्य प्रदेश की गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण में पशु चराने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया. यहां आम लोगों के निकलने पर भी भारी शुल्क लगा दिया गया है ताकि अभ्यारण सुरक्षित रहे और क्षेत्र का ग्रास लैंड बचा रहे. अधिकारियों ने बताया कि यह सब कार्य कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीता छोड़ने के बाद गांधी सागर में चीता लाने के लिए की जा रही है. सब कुछ ठीक रहा तो यह संभव हो सकेगा. इसके लिए 18 और 19 जून को दक्षिण अफ्रीका के वन्यजीव विशेषज्ञ और मध्य प्रदेश के वन्य जीव विशेषज्ञों ने गांधी सागर वन्य जीव अभयारण्य के पूरे क्षेत्र का दौरा किया था.
आमलोगों की एंट्री पर लगाया शुल्क
डीएफओ आदर्श श्रीवास्तव ने बताया कि गांधी सागर में चीते का एनक्लोजर बनाया जा रहा है. अगले चरण में लाए जा रहे चीते में से जोड़ा चीते गांधीसागर अभयारण्य में छोड़े जा सकते हैं. मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से चीता लाए जाने की योजना के साथ-साथ गांधी सागर में भी चीता लाए जाने की योजना बना ली गई है. चीतों के रहवास देखने के लिए दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ देहरादून के वन्यजीव विशेषज्ञ गांधीसागर आए थे. वन विभाग ने गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण में प्रवेश करने के लिए 150 से 200 प्रति व्यक्ति शुल्क लगाया.
विशेषज्ञों ने व्यवस्था में बताई थी कमी
गांधी सागर अभयारण्य क्षेत्र में विशेषज्ञों द्वारा दौरा करने के बाद बताया कि यहां पर सब कुछ ठीक है. बाउंड्री होने के बावजूद भी स्थानीय लोग वन क्षेत्र में मवेशी छोड़ रहे हैं. यदि इन्हें नहीं रोका गया तो प्रे-बेस के लिए छोड़े जाने वाले चीतल के लिए घास नहीं बचेगा तो चीतल नहीं बचेंगे. गांधीसागर अभयारण्य की सीमा रावतभाटा वन क्षेत्र और मुकुंदरा नेशनल पार्क से लगती है. पहले की रहवास, पानी की व्यवस्था और अन्य सुरक्षा व्यवस्थाएं देखी जा चुकी है. यहां पर वन क्षेत्र में मवेशी चराने की समस्या है. ऐसे में मवेशी चराने, आम लोगों की शुल्क लगाने पर मुकुंदरा टाइगर हिल्स और रावतभाटा वन क्षेत्र के लोगों को बड़ा झटका लगा है.