Rawatbhata Nuclear Power Plant: राजस्थान के रावतभाटा (Rawatbhata) में स्थित परमाणु बिजलीघर की तीसरी इकाई को बंद करने का फैसला लिया गया. यह इकाई करीब 600 दिन के लिए बंद होगी. यहां 220 मेगावाट क्षमता की तीसरी इकाई में फीडर रिप्लेसमेंट के लिए कार्य चलेगा. इस इकाई को नया जीवनदान देने के लिए फीडर रिप्लेसमेंट का कार्य अक्टूबर में किया जाएगा. यह इकाइयां निर्धारित क्षमता और निर्धारित उम्र के लिए होती है. लगातार बिजली उत्पादन करने से फीडर का कार्य क्षमता कम हो जाता है. रावतभाटा केंद्र के निर्देशक एसडी पारसवार ने बताया कि बिजली घर की तीसरी यूनिट को बंद कर उसे नया जीवन दान देने का काम किया जाएगा.


इसके लिए केंद्रीय ऊर्जा निगम की ओर से 330 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस तीसरी इकाई का फीडर रिप्लेसमेंट कार्य वर्ष 2021 में किया जाना था लेकिन कोरोना काल के चलते उपकरणों की सप्लाई समय पर नहीं हुई. इस कारण बीच-बीच में बंद कर इससे बिजली उत्पादन किया जाता रहा लेकिन अब व्यवस्था सुचारू होने के बाद इसे बंद कर नया जीवन दान देने का फैसला लिया गया. उन्होंने ने बताया कि आगामी दीपावली पर्व पर बजली मांग को देखते हुए इकाई को कुछ दिन और चलाने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि इसके लिए मुंबई मुख्यालय को पत्र लिखा गया. जैसा निर्देश मिलेगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.


तीसरी इकाई ने बनाया 777 दिन चलने का रिकॉर्ड


रावतभाटा के परमाणु बिजलीघर की तीसरी इकाई ने बिजली संकट में भरपूर सहयोग किया. यह इकाई पिछले द्विवार्षिक रख रखाव के बाद 28 अगस्त 2016 से लगातार चल रही थी. इस इकाई ने लगातार 777 दिन बिजली उत्पादन कर इकाई 5 के 765 दिनों के पिछले रिकार्ड से आगे निकलते हुए नाभिकीय उर्जा निगम में दूसरा स्थान बना लिया था. इकाई 3 के लगातार दो वर्षों से भी ज्यादा समय तक चलने से नाभिकीय उर्जा निगम का एक द्विवार्षिक शटडाउन से अगले द्विवार्षिक शटडाउन तक लगातार प्रचालन का सपना फिर एक बार साकार हुआ. 


एईआरबी की ओर से की जाती है देखभाल


रावतभाटा परमाणु बिजलीघर से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पूरे परमाणु बिजली घर के रखरखाव का कार्य परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद की ओर से किया जाता है, जिसे एईआरबी कहा जाता है. यह एक स्वतंत्र संस्था है, जो देशभर के परमाणु बिजलीघरों के मापदंडों का समय-समय पर निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी देता है. यह संस्था सभी कार्यों की रिपोर्ट सरकार को करती है. इसकी रिपोर्ट के साथ ही परमाणु बिजली घरों का कार्य किया जाता है. सभी परमाणु बिजलीघर इस संस्था को देखरेख के कार्यों को लेकर रिपोर्ट करते हैं.


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