Jaipur News: गुड़गांव हाईवे की निर्माण लागत टोल टैक्स के जरिए जनता से वसूली जा चुकी है. नियमानुसार निर्माण लागत की वसूली होने के बाद टोल टैक्स की वसूली बंद कर दी जाती है, लेकिन जयपुर-गुड़गांव हाईवे से गुजरने वाले लोगों को अभी भी टोल टैक्स देना होगा. टोल वसूली से सरकार अपने कोष को भरने में लगी है. टोल वसूलने वाली कंपनी का अनुबंध खत्म होने के बाद भी नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने न तो जयपुर-गुड़गांव हाईवे पर टोल वसूलना खत्म किया है और न ही उसकी दरों में कोई कमी की है.
क्यों वसूला जाता है टोल टैक्स
बता दें किदेश में हाईवे का निर्माण बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर (BOT) के आधार पर किया जाता है. इसमें सरकार हाइवे को बनने में आई लागत को वसूलने के लिए एक निर्धारित समय तक रोड टैक्स वसूलती है. इस अवधि में जो भी टैक्स वसूला जाता है वह हाइवे बनाने वाली कंपनी और सरकार के बीच बंटता है. टोस से हाइवे बनाने वाली कंपनी को उसकी लागत और प्रॉफिट मिल जाता है जबकि सरकार को हाइवे बनाने के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए लोगों को दिया गया मुआवजे का पैसा.
कॉन्ट्रेक्ट खत्म फिर भी वसूली जारी
जयपुर-गुड़गांव हाइवे पर 225 किमी लंबाई की इस टोल रोड पर 3 जगह टोल वसूला जाता है. पिंकसिटी एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड अब तक शाहजहांपुर, मनोहपुर और दौलतपुरा में टोल वसूला करती थी, लेकिन पिछले महीने NHAI ने कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया और खुद टोल की वसूली शुरू कर दी.
लागत से 173 ज्यादा वसूली
NHAI से मिली जानकारी के मुताबिक इस पूरे प्रोजेक्ट के निर्माण की लागत करीब 3678 करोड़ आई थी. अप्रैल 2009 से दिसंबर 2021 तक तीनों टोल नाकों के जरिए कुल 6384 रुपए की टोल वसूली की जा चुकी है, जो कि निर्माण लागत की लगभग दो गुनी है. इसके बाद भी एनएचएआई ने टोल वसूली बंद नहीं की है.
रोड पर चलने की ये चुकानी पड़ती है कीमत
जयपुर से गुड़गांव तक जाने के लिए एक कार चालक को इस हाइवे पर 260 रुपए चुकाने पड़ते हैं. वहीं बस या ट्रक चालक को 880 रुपए का टोल देना होता है.
क्या बोले NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर
जब एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अजय आर्य से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम इस हाइवे की मेंटेनेंस के अलावा कई और काम यहां करवाएंगे, जिसका फायदा हाइवे पर आने-जाने वाले चालकों को मिलेगा. इस काम में आने वाली लागत को हम टोल टैक्स के जरिए ही वसूलेंगे.
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