(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
REET Paper Leak मामले में BJP ने सीएम गहलोत को लेकर कह दी है बड़ी बात, इस मंत्री की भूमिका पर उठे सवाल
Rajasthan News: रीट पेपर लीक मामले में भाजपा ने मंत्री और राजीव गांधी स्टडी सर्कल के राष्ट्रीय समन्वयक सुभाष गर्ग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सीबीआई (CBI) जांच की मांग दोहराई है.
Rajasthan REET Paper Leak Case Politics: रीट पेपर लीक मामले में राजस्थान सरकार का रुख भले ही सख्त हो लेकर इसे लेकर सियासत तेज हो गई है. राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) पेपर लीक मामले (REET Paper Leak Case) में भाजपा (BJP) गहलोत सरकार पर हमलावर है. भाजपा ने प्रदेश की कांग्रेस (Congress) सरकार पर हमले तेज करते हुए राज्य सरकार में मंत्री और राजीव गांधी स्टडी सर्कल (आरजीएससी) के राष्ट्रीय समन्वयक सुभाष गर्ग (Subhash Garg) की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सीबीआई (CBI) जांच की मांग दोहराई है.
CBI जांच जरूरी है
भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सुभाष गर्ग ने 2012 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए प्रदीप पाराशर के साथ टेट परीक्षा में खूब घपला किया. जांच में 84 करोड़ रुपये का घपला सामने आया था, लेकिन इसे दबा दिया गया. डॉ गर्ग फिर से ऐसा ही करना चाहते हैं इसलिए CBI जांच जरूरी है. उन्होंने आरोप लगाया कि गर्ग पेपर लीक के प्रमुख साजिशकर्ता थे क्योंकि पिछले सितंबर में आयोजित रीट परीक्षा के आयोजन के लिए एक गैर सरकारी संस्था आरजीएससी के पदाधिकारियों को जिला समन्वयक नियुक्त किया गया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस संस्था के अध्यक्ष हैं.
डॉ. सुभाष गर्ग ने 2012 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए प्रदीप पाराशर के साथ टेट परीक्षा में खूब घपला किया। जांच में 84 करोड़ रुपये का घपला सामने आया था, लेकिन इसे दबा दिया गया। डॉ. गर्ग फिर से ऐसा ही करना चाहते हैं इसलिए CBI जांच जरूरी है।
— Dr.Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) January 30, 2022
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गुलाब चंद कटारिया ने कही ये बात
किरोड़ी लाल मीणा के अलावा राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने एक बयान में कहा है कि राजधानी जयपुर में आरजीएससी से जिम्मेदार व्यक्तियों को समन्वयक नियुक्त किया गया जबकि अन्य जिलों में परीक्षा पेपर की जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस को दी गई थी. कटारिया ने यहां तक कह दिया कि रीट परीक्षा के पेपर आउट में राजनीतिक संरक्षण है और प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भी इसकी छींटे हैं. यहां की पुलिस के हाथ से मामला बाहर निकल गया है, इसलिए सीबीआई जांच होनी चाहिए जिससे मामले की सत्यता राजस्थान की जनता के सामने आए.
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