Rajasthan Latest News: दिल्ली के मुखर्जी नगर के दशहरा ग्राउंड इलाके में उस समय सनसनी फैल गई, जब संदिग्ध परिस्थितियों में पेड़ों से लटकी युवक की लाश मिली. पुलिस की शुरुआत जांच में सामने आया है कि पीड़ित छात्र दीपक राजस्थान के दौसा का रहने वाला था. वह मुखर्जी नगर में रहकर यूपीएससी (IAS) की तैयारी कर रहा था. 


डीसीपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि पहली नजर में यह आत्महत्या का मामला है, लेकिन घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पुलिस अन्य पहलुओं से भी इसकी तफ्तीश कर रही है. 


नहीं मिला सुसाइड नोट 


दीपक कुमार मीणा राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव का रहने वाला था. वह मुखर्जी नगर रहकर यूपीएससी मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहा था. दीपक की लाश 20 सितंबर को मुखर्जी नगर इलाके के दशहरा ग्राउंड में पेड़ से लटकी मिली. अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. दिल्ली पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें दीपक कुमार ​मीणा अकेले दशहरा ग्राउंड में दाखिल होता हुआ दिखाई दे रहा है.


दीपक घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई कर यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास की थी. मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए वह जुलाई में दिल्ली गया था. मृतक छात्र कोचिंग में पढ़ाई कर मेंस की तैयारी कर रहा था. 


11 सितंबर से था गायब 


पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि वो बीते 11 सितंबर से वह रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया था. 10 दिनों के बाद पिछले शुक्रवार (20 सितंबर) को उसकी लाश इंस्टीट्यूट की लाइब्रेरी से कुछ दूर स्थित झाड़ियों में संदिग्ध अवस्था मे पड़ी मिली.


दीपक के परिजन दिल्ली पहुंच चुके हैं. वहीं, दिल्ली पुलिस ने इस मामले की फोरेंसिक टीम से जांच करवाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पोस्टमार्टम के बाद छात्र के शव को उसके परिजनों के हवाले कर दिया. 


दीपक के पिता चंदूलाल मीणा ने बताया कि दीपक काफी होनहार छात्र था. यूपीएससी की पहली परीक्षा पास करने पर पूरे बालियान गांव में खुशी का माहौल था. उसे कोचिंग वालों ने पढ़ने के लिए दिल्ली बुलाया था, जिसके बाद वह पहली बार जुलाई में दिल्ली आया और मुखर्जी नगर पीजी में रहकर तैयारी करने लगा. उन्होंने बताया कि हर रात आठ बजे दीपक उनसे बात किया करता था, लेकिन 10 तारीख की रात से दीपक का कोई फोन नहीं आया. जिसके बाद उन्होंने 13 सितंबर को दीपक को कॉल किया तो उसका नंबर बंद मिला. 


गांव के कुछ लोगों के साथ दिल्ली आए और मुखर्जी नगर पीजी गए. जहां उसके दो रूममेट ने बताया कि वह 11 तारीख को 11 बजे के बाद से नहीं आया. इस पर उन्होंने आसपास दीपक की तलाश की. इंस्टीट्यूट पहुंचकर उसके बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की, लेकिन उसके बारे में कुछ भी पता नहीं चला. हारकर 14 तारीख को वे मुखर्जी नगर थाने पहुंचे और बेटे दीपक कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने की शिकायत पुलिस को दी. पुलिस ने गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की.


कोचिंग सेंटर पर लापरवाही का आरोप 


पुलिस की जांच के दौरान इस दौरान शुक्रवार को इंस्टीट्यूट की लाइब्रेरी से कुछ ही दूरी पर झाड़ियों में उसकी लाश मिली. दीपक के परिजनों ने इंस्टीट्यूट पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर कोई छात्र क्लास में नहीं आ रहा है, तो उनकी तरफ से परिवार को सूचना देनी चाहिए थी. उनके पास कोई रिकॉर्ड ही नहीं है कि वह कितने बजे आया और कितने बजे गया. परिवार वालों ने पुलिस की सुसाइड थ्योरी पर भी शक जताया है.


डीसीपी ने क्या कहा?


सुसाइड नोट बरामद न होने की वजह से पुलिस इस मामले की जांच आत्महत्या के अलावा अन्य पहलुओं से भीकर रही है. डीसीपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि पहली नजर में यह आत्महत्या का मामला है. मौत की असल वजह क्या थी, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही पता चल पाएगा. फिलहाल, पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इसकी जांच कर रही है.


राजस्थान उपचुनाव की तैयारी BJP-कांग्रेस में क्यों चल रही है धीमी? न चेहरा तय और न नेता सक्रिय