Rajasthan News: RJS न्यायिक सेवा में रिचा शेखावत लाई 88वीं रैंक, पति की मौत के बाद जानें उनके संघर्ष की कहानी
Churu News: न्यायिक सेवा 2021 में 88वी रैंक लाकर संघर्ष से सफलता के मुकाम तक पहुंची रिचा शेखावत क्षेत्र में लोगो के लिये हौसलों की मिशाल बनकर सामने आई हैं.
RJS Judicial Service Exam: न्यायिक सेवा 2021 में 88वी रैंक लाकर संघर्ष से सफलता के मुकाम तक पहुंची रिचा शेखावत (Richa Shekhawat) क्षेत्र में लोगो के लिये हौसलों की मिशाल बनकर सामने आई हैं. रिचा शेखावत ने पढ़ाई और परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए संघर्ष और मेहनत की. मेहनत और संघर्ष के बल पर आरजेएस (न्यायिक सेवा) में 88वी रैंक प्राप्त कर सफलता की कहानी लिखी. रिचा शेखावत ने बताया कि दो छोटे बच्चों को पालने से लेकर खुद के लिए कुछ करना बेहद मुश्किल था लेकिन रिचा ने हार नहीं मानी. रिचा पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की.
2006 में हुई शादी
रिचा का विवाह 2006 में नवीन सिंह राठौड़ निवासी थैलासर, रतननगर जिला चुरु से हुआ. विवाह के तीन माह बात ही अचानक एक दुर्घटना में उनकी सास का स्वर्गवास हो गया और पारिवारिक जिम्मेदारियों के निर्वहन के साथ-साथ वर्ष 2009 में LLB की पढ़ाई पूरी की. वर्ष 2017 में अचानक कार्डियक अरेस्ट से पति नवीन सिंह राठौर का देहान्त हो गया और 2018 में अचानक ससुर का भी स्वर्गवास हो गया.
रिचा के पति नवीन सिंह राठौड़ पुलिस विभाग में कार्यरत थे और 2017 में उनका अचानक कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. वे चाहती तो अनुकम्पा नौकरी के जरिये नौकरी लग सकती थीं मगर इन्होंने अनुकम्पा को सविनय नकारते हुए संघर्ष को चुना और अपने लक्ष्य RJS बनने में कामयाब हुईं.
रिचा शेखावत ने 10वीं जैसलमेर से किया
रिचा शेखावत ने 10वीं जैसलमेर के नाचना से की. इसके बाद आगे की शिक्षा 12वीं, बीए, एमए (English), LLB, LLM और PG Diploma in Legel & Forensic Science की शिक्षा महारानी कॉलेज बीकानेर से की हैं. रिचा शेखावत ने बताया कि उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों को देखना काफी बड़ी चुनौती थी. उन्होंने अपने दो बच्चे एक लड़की दक्षयायनी सिंह जो 11वीं कक्षा और एक लड़का जयादित्य सिंह जो 7वीं में अध्यनरत हैं. बच्चों का पालन पोषण करते हुए वर्ष 2018 में PG Diploma in Legel & Forensic Science में की और वर्ष 2020 में MGSU Bikaner से सर्वोच्च स्थान प्राप्त करते हुए LLM किया. रिचा का संघर्ष जारी रहा और मेहनत के बलबूते वर्ष 2021 में RPSC से चयनित होकर विधि अधिकारी बनी और PHED बीकानेर में पदस्थापित हुई.
विधि अधिकारी बनने के बाद भी संघर्ष जारी रखा
रिचा ने 2021 में RPSC से चयनित होकर विधि अधिकारी बनकर PHED बीकानेर में पदस्थापित हुई. रिचा विधि अधिकारी बनने के उपरांत भी लक्ष्य प्राप्ति और मुकाम हासिल के लिए संघर्ष जारी रखा और RJS की तैयारी की. न्यायिक सेवा में जाने की इच्छा के चलते आरजेएस परीक्षा परिणाम में मेरिट क्रमांक 88 पर चयनित होकर RJS बनी.
बेटी बनाती थी दिनचर्या और पढ़ाई का टाइम टेबल
रिचा ने बताया कि उनकी इस सफलता के लिए उनका पूरा परिवार साथ रहा है. 11वीं कक्षा में पढ़ रही बेटी दक्षयायनी सिंह इनका टाइमटेबल बनाती है कि नौकरी के साथ कब कब क्या करना है. वहीं सास के निधन के बाद पति पुलिस विभाग कांस्टेबल पद पर तैनात नवीन राठौड़ और डीवाईएसपी ससुर पृथ्वी सिंह ने पढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया. साथ ही उनके माता-पिता रत्न सिंह शेखावत ओर इनसे दो छोटे भाई जो पेशे से ऑर्थोपेडिक्स डॉक्टर और उदयपुर और जयपुर कार्यरत ने हमेशा उनका उत्साह बनाये रखा.
रिचा महिलाओं को सशक्तिकरण के लिए यह कहा
रिचा शेखावत का उन महिलाओं के लिए संदेश है जो विपरीत परिस्थितियों में निराश होकर अपनी पढ़ाई छोड़ देती हैं. इनका कहना है कि जीवन में शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है. मुश्किल वक्त में शिक्षा ही आत्मनिर्भर बनने में सहायक होती है. रिचा का मानना है कि शैक्षिक योग्यता से हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं. विपरीत परिस्थितियों में भी मेहनत और निरंतरता से हम अपना लक्ष्य जरूर प्राप्त कर सकते हैं.