Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) में हो रही रोडवेजकर्मियों की रैली और सभा के बीच एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है. राज्य सरकार (Government of Rajasthan) ने एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान पथ परिवहन निगम (Rajasthan Road Transport Corporation) की समस्त सेवाओं, कार्यालयों और उनके क्रियाकलापों से संबंधित सेवाओं को तत्काल प्रभाव से आगामी 6 माह तक अत्यावश्यक सेवा (Essential Service) घोषित कर दिया है. इसके बाद रोडवेज कर्मचारियों के संगठन में हड़ताल (Roadways Workers Strike) को लेकर विरोधाभास दिखाई दे रहा है. कुछ संगठन हड़ताल के पक्ष में हैं तो वहीं कुछ संगठन हड़ताल के पक्ष में नहीं है


गृह विभाग के शासन उप सचिव ने क्या कहा
शासन उप सचिव गृह विभाग के अनुसार, राज्य सरकार के ध्यान में आया है कि राजस्थान पथ परिवहन निगम के विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा प्रदेशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है. इस हड़ताल से राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की समस्त सेवाओं, कार्यालयों और उनके क्रियाकलापों से संबंधित सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. साथ ही इसके परिणाम स्वरूप जन समुदाय को भारी कठिनाई का सामना भी करना पड़ेगा. उपरोक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की समस्त सेवाओं को आगामी 6 माह तक के लिए अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है.


कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष ने क्या कहा
राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष मांगीलाल यादव ने बताया कि, एक ओर तो सरकार संवेदनशील होने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी और रोडवेज कर्मचारियों की आवाज दबाने के लिए तानाशाही रवैया अपना रही है. लोकतंत्र में अपनी आवाज उठाने का अधिकार होता है. राजस्थान सरकार इस पर संवेदनशील होकर विचार करें और रोडवेज कर्मचारियों की मांगें जल्द मानी जाएं, नहीं तो संयुक्त मोर्चा 24 नवंबर से हड़ताल पर जाएगा.


अधीनस्थ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने क्या कहा
राजस्थान परिवहन निगम मंत्रालयिक एवं अधीनस्थ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा ने बताया कि, हमारा संगठन हड़ताल के पक्ष में नहीं है. रोडवेज कर्मचारियों को सही समय पर सैलरी, पेंशन और बोनस नहीं मिल रहा है. रोडवेज कर्मचारियों की 1 महीने की सैलरी पेंशन 2020-21 का बोनस अभी तक नहीं मिला है. सरकार 2 महीने होने के बाद सैलरी दे रही है. सही समय पर सैलरी नहीं मिल रही है इसलिए कर्मचारी परेशान हो रहे हैं. दोनों ही संगठनों की मांग एक है लेकिन हम हड़ताल में शामिल नहीं होंगे क्योंकि रोडवेज के पास 2500 बसे हैं. अगर बसों की हड़ताल होती है तो आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. वहीं रोडवेज के राजस्व को भारी नुकसान होगा जो हम नहीं चाहते हैं.


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