Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज में कंपीटिशन, ज्यादा कमाकर देने वाले डिपो के कर्मियों को पहले मिलेगा वेतन
Rajasthan Roadways: राजस्थान रोडवेज में अब जो डिपो ज्यादा कमाकर देगा उनके कर्मचारियों को पहले वेतन दिया जाएगा. लगातार घाटे से गुजर रहे रोडवेज प्रशासन ने यह फार्मूला अपनाया है.
Rajasthan Roadways News: राजस्थान (Rajasthan) रोडवेज में अब जो डिपो ज्यादा कमाकर देगा उनके कर्मचारियों को पहले वेतन दिया जाएगा. लगातार घाटे से गुजर रहे रोडवेज प्रशासन ने यह फार्मूला अपनाया है. राजस्थान रोडवेज को हर माह 135 करोड़ की आय होती है जबकि 190 करोड़ का खर्च आता है. वहीं सरकार की ओर से हर माह 25 करोड़ का अनुदान मिलता है जो पिछले 5 माह से बंद है. ऐसे में रोडवेज घाटे से उबर नहीं पा रही है जो आय हो रही है उससे रोडवेज का खर्चा और कर्मचारियों का वेतन निकल रहा है. इस कारण रोडवेज कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हुए हैं.
जहां एक और विभाग के पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं है और रोज की कमाई पर ही रोडवेज के अधिकारियों और कर्मचारियों की पगार की किस्मत से हो रही है. इसी आधार पर वेतन देने का फार्मूला तय किया हुआ है. यानी राजस्थान के किसी भी जिले के रोडवेज डिपो जैसी कमाई करेगा उसे वैसा ही वेतन मिलेगा. यह फॉर्लुमा निकाले जाने के बाद अधिकारियों कर्मचारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है. अधिकारियों का इसके पीछे मानना है कि सरकार की तरफ से रुझान नजर नहीं आ रहा. कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर वेतन संबंधित मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं. ऐसे में रोडवेज मुख्यालय ने एक फार्मूला तय कर कर्मचारियों को वेतन देने का माध्यम निकाला.
4 हजार करोड़ का रोडवेज में चल रहा है घाटा
रोडवेज में घाटे के असर से करीब 5 साल से रोडवेज के अधिकारी, कर्मचारियों में सैलरी का संकट बना हुआ है. रोडवेज अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी हर साल 3 माह के अंतर से मिल रही है जिसको लेकर आए दिन कर्मचारी प्रदर्शन करते हुए दिखाई देते हैं. रोडवेज करीब साढ़े 4 हजार करोड़ के घाटे में चल रही है. रोडवेज प्रबंधक को हर माह बसों और अन्य माध्यमों से करीब 135 करोड़ की आय प्राप्त होती है. वह कार्मिकों के वेतन, पेंशन, डीजल, बैंक लोन अन्य खर्चों को मिलाकर करीब 190 करोड़ के खर्चों पर आ जाती है. सरकार की ओर से 25 करोड़ हर माह रोडवेज को दिए जाते थे जो सरकार ने पिछले 5 माह से देना बंद कर दिया जिसके कारण हालात और भी खराब हो गए.
ऐसे मिल रहा वेतन
रोडवेज प्रबंधन के नए फॉमूले के तहत प्रदेशभर में डिपो में सबसे अधिक और सबसे कम आय देने वाले डिपो की सूची तैयार की गई है. जिसके आधार पर हर रोज होने वाली रोडवेज की आय से डिपो को एक-एक कर कार्मचारियों के वेतन का भुगतान कर रहा है. प्रदेशभर के 52 डिपो में करीब साढ़े 13 हजार रोडवेज कार्मिक हैं और करीब साढ़े 7 हजार पेंशनर हैं. नया वेतन फार्मूला लागू होने के बाद सभी रोडवेज प्रबंधक उसी फार्मूले के आधार पर कर्मचारियों को वेतन दे रहे हैं.
डिपो की सूची तैयार
नए फार्मूले के आधार पर रोडवेज प्रबंधन ने सूची तैयार की. इसमें नंबरों के आधार पर हिंडौन, शाहपुरा, श्रीमाधोपुर, भीलवाड़ा, वैशाली नगर, करौली, तिजारा, फलौदी, सीकर, भरतपुर, दौसा, व्यावर, टोंक, खेतड़ी, मत्स्य नगर को रखा गया. इसके अलावा अलवर, सवाईमाधोपुर, उदयपुर, अजयमेरू, डीडवाना, विद्याधर नगर, कोटा, जोधपुर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, राजसमंद, अजमेर, लोहागढ़, गंगानगर, झुंझनू सिरोही, चूरू, सरदार शहर शामिल है. कोटपूतली, फालना, बांरा, धौलपुर, हनुमानगढ़, आबूरोड, पाली, जैसलमेर, प्रतापनगर, अनूपगढ़, बीकानेर, जयपुर, नागौर, जालौर, बाड़मेर, डीलक्स डिपो, जैसलमेर को भी रखा गया.