Rajasthan Ayurveda Treatment: आयुर्वेद (Ayurveda) के प्राचीन स्वास्थ्य विज्ञान एवं आधुनिक तकनीकी के परस्पर सहयोग पर आधारित अनेक शोध परियोजनाओं पर कार्य करने के उद्देश्य से डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय (Dr Sarvepalli Radhakrishnan Rajasthan Ayurved University) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) जोधपुर (Jodhpur) ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके बाद अब दोनों संस्थान शैक्षणिक अनुसंधान की गतिविधियों को साझा करेंगे साथ ही क्लीनिकल शोध, प्रयोगशाला का परस्पर प्रयोग करते हुए शैक्षणिक एवं शोध कार्यों का संचालन किया जाएगा. 


शुरू हो चुके हैं शोध कार्य 
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति अभिमन्यु कुमार (Abhimanyu Kumar) ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में बताया कि जोधपुर आईआईटी और आयुर्वेद विश्वविद्यालय के बीच हुए एमओयू के बाद शोध कार्य शुरू हो चुके हैं. शोध गतिविधियों के अंतर्गत आधुनिक तकनीकी और आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार व्यक्ति की प्राकृति को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी. जिससे वात, पित्त, कफ प्रकृति के व्यक्ति विशेष के लिए हितकर खानपान और जीवनचर्या का निर्देशन संभव हो सकेगा.


आसानी से होगा बीमारी का इलाज 
अभिमन्यु कुमार ने बताया कि, तकनीक के माध्यम से आयुर्वेदिक औषधि के फार्मशिप डायनामिक्स का विश्लेषण किया जा सकेगा. नाड़ी परीक्षा, पंचकर्म इत्यादि के विभिन्न उपकरणों का तकनीकी के माध्यम से विकास होगा जिससे किसी भी तरह की बीमारी का इलाज आसानी से होगा. वहीं, काउंसलिंग के जरिए व्यक्तित्व की प्रकृति को पहचान कर उसी के अनुसार उसका उपचार किया जाने से जल्द राहत मिलेगी. 




बॉडी की स्मेल से पता चलेगी बीमारी 
अभिमन्यु कुमार ने बताया कि, केंद्र सरकार की ओर से सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी साथ ही तकनीकी के कारण कई असाध्य बीमारियों का इलाज हो सकेगा और प्रकृति के आधार पर शोध कई तरह के फायदेमंद होंगे. ऐसे में मरीज को अलग-अलग टेस्ट कराने की जरूरत नहीं रहेगी. एक रोबोट बनाया जाएगा जो व्यक्ति की बॉडी की स्मेल से पता लगा सकेगा की किस तरह की बीमारी है या क्या परेशानी है और किस तरह का इलाज किया जा सकता है. 


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