Rajasthan Paper Leak Case: राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापक पेपर लीक मामले की जांच आगे से आगे बढ़ती जा रही है. अब पुलिस ने मामले में 40 लाख रुपये में जिस आरोपी ने सरगना को पेपर बेचा था, उसके दोस्त या कहें कि पेपर लीक मामले का हिसाब रखने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जहां से एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है. गिरफ्तार आरोपी ने पेपर लीक मामले में राज खोले है. पेपर लीक प्रकरण की बात करे तो अब तक दो दर्ज एफआईआर में 63 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और अभी भी दो मुख्य आरोपी फरार चल रहे हैं. 


शेर सिंह का दाहिना हाथ है रामगोपाल
मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिसमें एक शहर के सुखेर पुलिस थाना और ग्रामीण का बेकरिया पुलिस थाना. कह सकते हैं कि बड़ा मुकदमा सुखेर थाने का है, जिसमें अब तक 53 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं, दो मुख्य आरोपी फरार चल रहे हैं. सुखेर पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसंधान अधिकारी एएसपी महेन्द्र पारीख ने बताया कि जयपुर निवासी रामगोपाल मीणा को गिरफ्तार किया है जो प्रॉपर्टी का काम करता है. 


इस मामले में आरोपी शेरसिंह ने 40 लाख रुपये में मुख्य सरगना भूपेन्द्र सारण को पेपर बेचा था. आरोपी रामगोपाल पेपर बेचने वाले शेरसिंह के साथ मिलकर यहीं बिजनेस करता था. दोनों में कई साल से गहरी दोस्ती है. पेपर लीक से जुड़ी हर जानकारी रामगोपाल मीणा को पहले से पता होती थी और यह उसमें पूरी तरह सहयोग करता था. शेरसिंह का पूरा बिजनेस और उसके खाते रामगोपाल ही देखता था.  संभावना हैं कि वरिष्ठ अध्यापक भर्ती से पहले भी इन्होंने अन्य सरकारी भर्तियों के पेपर लीक करवाए हैं. यह कह सकते हैं कि रामगोपाल शेर सिंह का दाहिना हाथ है.


अभी दो मुख्य आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर
पेपर लीक मामले में अभी दो मुख्य आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं. एक तो मुख्य सरगना भूपेंद्र सारण को पेपर बेचने वाला शेर सिंह और दूसरा 1 लाख रुपए इनामी जालोर निवासी सुरेश ढाका. सुरेश ढाका ने तो कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई है, इस पर कल सुनवाई होगी. इन दोनों की गिरफ्त में आने के बाद पेपर लीक मामले के कई राज खुल सकते हैं. 


एएसपी पारीक ने बताया कि दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगा रखी है. बता दे कि 24 दिसम्बर को पेपर होने से कुछ समय पहले ही उदयपुर की बेकरिया थाना पुलिस ने एक संदिग्ध बस को रोक था. जांच में सामने आया था कि वह वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर को सॉल्व कर रहे थे. पुलिस ने पेपर के प्रश्नों की आरपीएससी से जारी पेपर से मिलान करवाई गई तो उसमें काफी प्रश्न हूबहू पाएगा जिस पर परीक्षा पेपर निरस्त हुआ. मामले में पुलिस ने तब से ही गिरफ्तारियां करनी शुरू कर दी.


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