Rajneesh Kumar Jodhpur Visit: रक्षा लेखा विभाग के मुखिया रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए) रजनीश कुमार (Rajneesh Kumar) और भारतीय रक्षा लेखा सेवा अधिकारी एक दिन के दौरे पर जोधपुर (Jodhpur) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने उपकार्यालयों का निरीक्षण करते हुए कार्मिकों को संबोधित भी किया. रजनीश कुमार ने कहा कि, वर्तमान युग में तकनीक के महत्व को देखते हुए रक्षा कर्मियों की पेंशन प्रक्रिया के सरलीकरण को लेकर विभाग की तरफ से काम किया गया है. उन्होंने स्व विकसित 'SPARSH' प्लेटफॉर्म का उदाहरण देते हुए विभाग के सभी कार्यों को Digital Platform पर लाने पर बल दिया.
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है भारत
कार्यलय में मीडिया से बातचीत के दौरान रजनीश कुमार ने कहा कि किस तरह देश आगे बढ़ रहा हैं. पेंशनर्स के लिए भी खास योजना के साथ पोर्टल शुरू किया गया है जिससे पेंशनर्स को काफी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया की तर्ज पर देश डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. मेक इन इंडिया की मजबूत शुरुआत के साथ ही देश की सुरक्षा के लिए कई रक्षा सौदे किए गए हैं जिनमें फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान की डील और रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम शामिल है.
डिफेंस पेंशनर्स को काफी राहत मिल रही है
रजनीश कुमार कहा कि, पेंशनर्स की बात करें तो उनको राहत मिले इसके लिए हमने स्पर्श प्रोजेक्ट लॉन्च किया है जिससे सभी पेंशनर्स उसमें कवर हो चुके हैं. पहले पेंशनर्स को दिक्कत होती थी क्योंकि मैनुअली सिस्टम के चलते समय लगता था. लेकिन, अब एक पोर्टल के जरिए पेंशनर्स की पेंशन सीधे उनके खाते में चली जाती हैं. पहले मैनुअली तरीके से काम करने पर काफी परेशानी होती थी, अब पेंशनर्स के लिए इलाहाबाद में एक ऑफिस है जहां से 33 लाख पेंशनर्स को डील करते हैं. डिफेंस पेंशनर्स को अब काफी राहत मिल रही है.
S-400 मिसाइल सिस्टम को लेकर कही ये बात
रजनीश कुमार कहा कि देश की सुरक्षा के लिए हमने रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदा है जो वर्ल्ड की मोस्ट एडवांस टेक्नोलॉजी का सिस्टम है, इससे हमें बॉर्डर एरिया में काफी प्रोटेक्शन मिलेगा. उन्होंने कहा कि हमने फ्रांस से राफेल विमान भी खरीदे हैं, ये भी तकनीकी तौर पर बेहद एडवांस हैं, इन दोनों के सुरक्षा बेड़े में शामिल होने से काफी फर्क पड़ेगा. उन्होंने कहा कि, मेक इन इंडिया सरकार का बड़ा विजन है इसको लेकर मजबूत नींव तो पड़ चुकी है लेकिन अभी समय लगेगा, आत्मनिर्भर बनने के लिए हमें कुछ सिस्टम विकसित करना पड़ेगा. लोकल सप्लायर को इंसेंटिव दिया जाए जिससे मेक इन इंडिया साकार होगा, लेकिन इस मे समय लगेगा.
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