Rajasthan Politics: किसके कहने पर चुप हैं सचिन पायलट! अधिवेशन में नहीं बोलने से खड़े हुए कई सवाल
जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरिम में हुए अधिवेशन में जुटे प्रदेश के कांग्रेस नेता- कार्यकर्ताओं ने खुलकर अपनी बात रखी, लेकिन इस अधिवेशन में सचिन पायलट ने भाषण नहीं दिया.
Rajasthan Politics: कांग्रेस स्थापना दिवस पर जयपुर में प्रदेश स्तर का अधिवेशन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेताओं ने शिरकत की. प्रदेश से आए सभी कांग्रेसी इस बात से हैरान दिखे कि उनके दिग्गज नेताओं ने संबोधित किया लेकिन सचिन पायलट (Sachin Pilot ) ने कुछ नहीं बोला, जबकि सभी सदस्य वहां पर सरकार के कामकाज की आलोचना और सुझाव दे रहे थे. ऐसे में सचिन पायलट ने कुछ नहीं बोला. सूत्रों की मानें तो पायलट को कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के बाद बोलना था, लेकिन पायलट ने बोलने से मना कर दिया. इस वजह से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बीडी कल्ला भी नहीं बोल पाए.
सरकार के कामकाज पर ही उठे सवाल
जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरिम में हुए अधिवेशन में जुटे प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खुलकर अपनी बात रखी. कुछ कार्यकर्ताओं ने तो सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया. कुछ ने तो अधिकारियों की मनमानी की शिकायत की. कुछ ने बताया कि लिखित में भी कई सुझाव दिए गए हैं. हम तो यहां पर आने वाले बजट में सुझाव देने आये हैं. यहां नहीं बोलेंगे तो कहां बोलेंगे. हमारी बातें सुनी जाएं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपनी बात रखी. पायलट के न बोलने के पीछे बताया जा रहा है कि उन्हें सरकार पर कुछ बोलने से मना किया गया है. आखिर कौन है जिसने पायलट को मना किया है? इस बात की चर्चा खूब हो रही है.
कार्यकर्ता कन्फ्यूज और समर्थक 'मायूस'
अधिवेशन में आए कांग्रेस कार्यकर्ता कन्फ्यूज दिखे. कुछ सदस्यों ने बताया कि आखिर क्या होने वाला है. क्या कुछ परिवर्तन होने वाला है या सब कुछ यही रहेगा. कार्यकर्ता को सटीक संदेश नहीं दिया गया है. उन्हें अपने नेता को लेकर कन्फ्यूजन है. आखिर किसके लिए समय दें? वहीं सचिन पायलट की खामोशी उनके समर्थक मायूस दिखे. प्रदेश में अगले साल चुनाव हैं और इस तरह की बनी स्थिति से पार्टी के लिए क्या समझा जाए? एक कार्यकर्ता ने यहां तक बताया कि हम किस नेता का पोस्टर या बैनर लगाएं या किस नेता का न लगाएं.
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