Rajasthan Congress Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 (Rajasthan assembly Election) में होने हैं. यानि चुनावी तैयारियों के लिए सियासी दलों के पास अब एक साल से भी कम समय है. इसके बावजूद प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी कम होने की गुंजाइश कम है. ऐसा इसलिए कि भारत जोड़ो यात्रा संपन्न होने के बाद पहली बार जयपुर में कांग्रेस की राज्य स्तरीय बैठक में जो नजारा एक दिन पहले सामने आया वो तो कुछ और ही संदेश दे रहे हैं. नेताओं और मंच संचालकों की कार्यशैली से साफ है कि पार्टी नेताओं के बीच गुटबाजी चरम पर है. हद तो तब हो गई जब बुधवार को कांग्रेस के चिंतन शिविर में प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट (Sachin pilot) को बोलने का मौका नहीं मिला. हद तो यह है कि उनका स्वागत भी आखिर में किया गया.
कांग्रेस के जयपुर अधिवेशन के मुख्य मंच पर मौजूद होने के बावजूद बोलने का मौका नहीं मिलने को राहुल गांधी के सबकुछ ठीक वाले बयान के अनुकूल नहीं है. साफ है कि मंच संचालकों ने भले जो सोचकर उन्हें बोलने के नहीं बुलाया हो, लेकिन बजट पर सुझाव देने के लिए उन्हें भाषण देने का मौका नहीं देना अब सियासी हलकों में चर्चा का मुद्दा बन गया है. सचिन का स्वागत भी आखिर में किया गया.
अब इस बात की है सियासी हलकों में चर्चा
इसके उलट जब अधिवेशन की शुरुआत में सभी नेता मंच पर आए तो पायलट और डोटासरा के बीच कुछ चर्चा हुई थी. चर्चा क्या हुई, इसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता है. वहीं बजट पर सुझाव देने के लिए बुलाए गए कांग्रेस के अधिवेशन में पार्टी के प्रदेश सचिव गजेंद्र सांखला ने यूपी की कानून व्यवस्था की तारीफ करके नई बहस को जन्म दे दिया.
सांखला ने राजस्थान की खराब कानून व्यवस्था पर जमकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा- राजस्थान में आठ बजे के बाद भी धड़ल्ले से शराब बिकती है. देर रात शराब बिकने से अपराध बढ़ रहे हैं. महिलाओं में इससे भय का माहौल पैदा होता है, वे अपने आप को असुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. मुख्यमंत्री जी, शासन इस तरह का होना चाहिए, जैसे उत्तर प्रदेश में सरकार रिपीट हुई है। यूपी में भयमुक्त वातावरण दिया था. यूपी की सरकार रिपीट होने का सबसे बड़ा कारण बेहतरीन कानून-व्यवस्था थी.
गुटबाजी छोड़ एकजुटता के साथ करें काम
प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हम सबको 2023 में सरकार रिपीट करनी है. यह सरकार रिपीट तभी होगी जब हम सरकार की योजनाओं के बारे में भी लोगों को बताएंगे. जिन कार्यकर्ताओं ने खून पसीना एक करके हमें यहां तक पहुंचाया, हमारी सरकार बनवाई, अगर उन कार्यकर्ताओं की कोई दुख तकलीफ है तो उन्हें हमें ठीक करनी होगी. तभी उनमें उत्साह का संचार करना होगा. चाहे उनके व्यक्तिगत काम हो या चाहे गांव के काम हों, वह सरकार में बैठे लोगों को करने पड़ेंगे. विधानसभा चुनाव सिर पर है.
संगठन को और ज्यादा सक्रिय होना पड़ेगा. हम सबकी जाति और मजहब एक है. यानि हम सबका मजहब है कांग्रेस पार्टी. हमारा काम एक है कि हम कांग्रेस पार्टी को मजबूत करें. सबको साथ लेकर चलें और सबका सहयोग लें. लोगों की सेवा करेंगे तो ऐसा कोई कारण नहीं है कि हम 2023 में ऐतिहासिक बहुमत के साथ सत्ता में वापसी नहीं कर पाएं.
गहलोत ने भी दी सभी को नसीहत
जयपुर अधिवेशन में सीएम अशोक गहलोत ने असंतोष वाले सुर में बोलने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि सभी लोग यह कहना बंद कर दीजिए कि सरकार रिपीट नहीं हो रही है. अगर हम रिपीट करेंगे तो यह राजस्थान नहीं बल्कि देश के लिए होगा. जो नेता खुद के मुंह से पार्टी के लिए उलटी बात कहे, वह पार्टी का वफादार नहीं हो सकता. पार्टी के प्रति वफादार रहो, निष्ठावान रहो, समर्पित रहो और धैर्य रखो. ईमानदारी उसी में है. सबको पद मिल नहीं सकते. गलतियां सबसे होती है, हुई होंगी, नेता कार्यकर्ता नाराज होते हैं, लेकिन हम तय कर लें कि पार्टी हित में सब कुछ भूलकर सरकार रिपीट करनी है. हम अगर निकल जाएंगे और एक स्वर में बोलेंगे तो सरकार जरूर रिपीट होगी.
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