Rajasthan News: राजस्थान के इस टाइगर रिजर्व में पहली बार शुरू हुई सफारी, 500 स्कूली बच्चों को मिला मौका
Rajasthan Latest News: दिवाली के बाद से आम लोगों को भी इसमें घूमने का मौका मिलेगा. सफारी का उद्देश्य छात्रों को वन्यजीव और वनस्पति को लेकर जागरूक करना है.
Jaipur News: राजस्थान (Rajasthan) के चौथे टाइगर रिजर्व, रामगढ़ टाइगर रिजर्व (Ramgarh Tiger Reserve) में जंगल सफारी शुरू हो गई है. यह पहला मौका होगा जब 500 स्कूली बच्चे रिजर्व का भ्रमण कर रहे हैं. हालांकि आमजन के लिए अभी टाइगर के लिए सफारी शुरू नहीं होगी. दिवाली के बाद सफारी शुरू हो सकती है. प्रदेश के साथ रामगढ़ टाइगर रिजर्व में 1 से 7 अक्टूबर तक वन्यजीव सप्ताह मनाया जा रहा है, जहां सभी छात्रों को प्रतिदिन टाइगर रिजर्व का भ्रमण करवाया जाएगा.
भ्रमण के लिए मंगवाए गए 4 केंटर
इसके लिए सवाई माधोपुर से 4 केंटर मंगवाए गए हैं, जिसमें यह छात्र सवार होकर सफारी का आनंद ले रहे हैं. रामगढ़ विषधारी के रिजर्व बनने के बाद यह पहला मौका है, जबकि इतनी बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों को यह भ्रमण करवाया जा रहा है. विभाग का मानना है कि बच्चे वन्यजीवों व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हो सके हैं. इस शैक्षिक भ्रमण में बच्चों को वन्यजीव, जंगल व वनस्पतियों को करीब से जानने का मौका मिलेगा. इस जंगल सफारी के दौरान टाइगर रिजर्व के आसपास बसे गांवों, कोर व बफर के गांवों के बच्चों को ले जाया जाएगा.
रामगढ़ अभयारण्य में सफारी को दिखाई झंडी
वन्यजीव सप्ताह के तहत दलेलपुरा नाके से सवाईमाधोपुर से आई 4 सफारी केन्टरों में बच्चे सवार हुए, यहां पहली जंगल सफारी को विभागीय अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस जंगल सफारी में वन, वन्य जीव, वनस्पतियों की जानकारी देने के लिए संबंधित रेंजर सहित वाइल्ड लाइफ का जाब्ता मौजूद साथ रहा. डीसीएफ संजीव शर्मा ने बताया की जिले के जिस स्कूल के बच्चे सफारी पर जाएंगे, अगले दिन वहां प्रतियोगिता का आयोजन होगा.
इस भ्रमण में कक्षा 6 से 12वीं तक के बच्चों को शामिल किया गया है. विभाग की ओर से लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से टाइगर रिजर्व में पत्थरों पर बोर्ड नुमा बनाकर वन्यजीवों के बारे में जानकारी लिखी गई है. इसमें वन्य जीव का नाम, उसका भोजन, प्रजनन सहित अन्य जानकारियों को लिखा गया है.
इन विशेषताओं को समेटे हुए है टाइगर रिजर्व
वन्यजीव प्रतिपालक बिट्टल कुमार ने बताया की बूंदी के रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बड़ी तादाद में बाघ बाघिन का जोड़ा, रीछ, पैंथर, सियार, लोमड़ी, जरख, जंगली बिल्ली, जंगली सुअर, नेवला, चीतल, सांभर, नीलगाय, खरगोश सहित कई प्रकार के सांप, पक्षी मिलते हैं. वनस्पति की दृष्टि से भी इन जंगलों का कोई जवाब नहीं है. इसके अलावा खेर, जामुन, सालर, बड़, पीपल, गुलर सहित विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं.
नवंबर तक तय करेंगे रूट
रामगढ़ टाइगर रिजर्व के डीसीएफ संजीव शर्मा ने बताया की अक्टूबर माह से रामगढ़ विषधारी में सफारी शुरू करने के प्रयास अंतिम चरण में है, लेकिन सफारी के लिए फिलहाल समय लग सकता है. विभाग ने अभी तक जो रास्ते बनाये हैं उनका कार्य जारी है, यहां पहले रास्ते सही किए जाने हैं, साथ ही सफारी का रूट भी तय किया जाना है. इसके साथ ही यहां छोड़े जाने वाले बाघ-बाघिनों की स्थिति को भी देखा जा रहा है कि उनका क्या मूवमेंट है. रिजर्व में वाहनों की व्यवस्था और एंट्री गेट तैयार हो चुके हैं. यह सब काम पूरे होने के बाद सफारी शुरू की जाएगी. उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार सफारी शुरू करने पर काम किया जाएगा. नवंबर तक रूट तय किए जाएंगे.
बाघों की पहली पसंद रामगढ़
वन्यजीव प्रेमी बिट्टल कुमार सनाढ्य ने बताया की बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य सदियों से बाघों के लिए मैटरनिटी होम के रूप में प्रसिद्ध रहा है. रामगढ़ का उत्तम प्राकृतिक वातावरण व इसके बीच में बहने वाली मेज नदी की खूबसूरत वादियों में बाघों की दहाड़ ने ही इसे भारत का एक प्रमुख अभयारण्य होने का गौरव बनाया. रणथंभौर से टी 62 व टी 91 बाघों के यहां आने के बाद अभयारण्य का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है. टी 91 को मुकंदरा शिफ्ट किया गया था और टी 62 वापस लौट गया था. वर्तमान में रणथंभौर से निकला टी-115 यहां सेंचुरी में घूम रहा है, जिसे आए हुए 2 साल हो चुके हैं.
प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में इंद्रगढ़ से जैतपुर तक का रणथंभौर टाइगर बफर जोन, रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य, देवझर से भीमलत महादेव तक का कालदां का सघन वन क्षेत्र, गरड़दा व भीलवाड़ा जिले में बांका-भोपतपुरा के जंगल शामिल किए गए हैं. बूंदी टाइगर रिजर्व क्षेत्रफल की दृष्टि से मुकुंदरा नेशनल पार्क से बड़ा होगा.
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