Rajasthan News: सम्मेद शिखर (Sammed Shikharji)को पर्यटक स्थल मामले में अब राजस्थान में विरोध बढ़ता जा रहा है. इसका असर यह है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) ने बुझवार को झारखंड (Jharkhand)के मुख्यमंत्री से बातचीत की है. यह जैन समाज के बढ़ते दबाव का असर है.


दरअसल, मंगलवार को जयपुर (Jaipur) के सांगानेर में जैन मुनि सागर महाराज ने अपना प्राण त्याग दिया था. वो पिछले 25 दिसंबर से आमरण अनशन पर थे. जैन मुनि झारखंड सरकार के फैसले का विरोध कर रहे थे. उनकी डोल यात्रा में बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग साथ चले थे. इसके बाद से राजस्थान (Rajasthan) का जैन समुदाय आक्रोशित है. कई दिनों से जैन समुदाय आंदोलन कर रहा है.


सीएम अशोक गहलोत को करनी पड़ी बात
बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से  फोन पर तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी को लेकर जैन समाज की मांग के संबंध में विस्तार से चर्चा की है. मुख्यमंत्री ने बताया है कि झारखंड के सीएम ने यकीन दिलाया है कि वो भी चाहते हैं कि इस मुद्दे का जल्द से जल्द सकारात्मक हल निकाला जाए. अब इस बातचीत का कितना असर यहां के जैन समुदाय पर पड़ेगा अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. लेकिन पिछले  दिनों से राजस्थान में लगातार जैन समुदाय इस मसले को लेकर नाराज है और आंदोलन कर रहा है.


इसलिए हो रहा है विरोध
झारखंड के गिरिडीह में पारसनाथ पहाड़ियों पर बना सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल माना जाता है. वहीं सरकार ने पारसनाथ हिल्स में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के इसे पर्यटक स्थल बनाने का फैसला लिया है. इस बात का पुरे देश में जैन समुदाय विरोध कर रहा है. सरकार ने जो नोटिस दिया है. उमसें सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने की बात कही गई है. इस नोटिस के बाद से जैन समाज के लोग अपनी धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात बताते हुए विरोध कर रहे हैं. जैन समुदाय के लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना में मछली और मुर्गी पालन के लिए भी अनुमति दी गई है. वहीं  राजस्थान में भी विरोध बढ़ता जा रहा है.


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