Sanwaliya Seth Mandir Donation: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित कृष्णधाम सांवलिया सेठ मंदिर में देश-विदेश के लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था है. सांविलया सेठ के दर्शन करने के लिए यहां रोज भक्तों हजारों की संख्या में भक्तों की कतार लगती है. हर कोई अपनी श्रद्धानुसार भगवान को जो दे सकता है, चढ़ावा चढ़ा कर जाता है. थोड़ा-थोड़ा कर भगवान का यह खजाना इतना बढ़ जाता है, जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है.
कृष्णधाम सांवलिया सेठ मंदिर में इस बार भक्तों के चढ़ावे ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. इस बार जब डेढ़ महीने के अंतराल पर सांवलिया सेठ का खजाना खोला गया, तो लोगों की आंखें फटी रह गईं. सभी दानपात्र इकट्ठा कर जब नोट एक साथ रखे गए तो मानों नोटों का पहाड़ बन गया हो. केवल नोट गिनने के लिए 150 लोगों को लगाया गया.
चांदी के ट्रंक में ठसाठस भरे हुए बेहिसाब नोट निकाले गए. मंदिर के दर्जनों कर्मचारियों ने बड़ी-बड़ी परातों से भर-भरकर नोट निकाले. 5-10 रुपये से लेकर 20, 50, 100, 200 और 500 रुपये के नोट कई चरणों में और कई घंटों तक गिने गए. कुल हिसाब मिला 24 करोड़ 44 लाख रुपये.
पांच दिन तक चलती रही काउंटिंग
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में जो भक्त जितना चढ़ावा देगा, उसकी संपत्ति उतनी ही ज्यादा होती है. यही वजह है कि सांवलिया सेठ मंदिर आने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. साथ ही मंदिर को मिलने वाला चढ़ावा भी बढ़ता जा रहा है. डेढ़ महीने में मंदिर में इतनी संपत्ति आई कि उसका हिसाब लगाने में ही पांच दिन लग गए.
पहले चरण में 7.55 करोड़ रुपये, दूसरे चरण में 4.97 करोड़ रुपये, तीसरे चरण में 4.72 करोड़ रुपये, चौथे चरण में 4.75 करोड़ रुपये और पांचवें चरण में 2.45 करोड़ रुपये निकले. 13 मार्च को नोटों की पहली गिनती हुई. शुक्रवार, शनिवार, रविवार को छुट्टी के चलते गिनती बंद रही. फिर, 17 मार्च से चढ़ावे की गिनती फिर शुरू हुई जो कि 20 मार्च को जाकर पूरी हो पाई.
24 करोड़ से ज्यादा का कैश दान
कुल 24.44 करोड़ रुपये केवल वो पैसे हैं जो कैश में काउंट किए गए. ये रुपये सांवलिया सेठ मंदिर के भंडार से निकले. इसके अलावा, भेंट कक्ष और भंडार दान पेटी से भी करोड़ों के कैश और सोना-चांदी के आभूषण मिले हैं. भेंट कक्ष और ऑनलाइन चढ़ावे में 4.65 करोड़ कैश, भंडार दान पेटी से 350 ग्राम सोना, 67 किलो चांदी और भेंट कक्ष कार्यालय से 783 ग्राम सोना, 68 किलो चांदी मिले हैं.
इसके अलावा, सांवलिया सेठ को चढ़ावे में 1.1 किलो से ज्यादा सोना और 135 किलो से ज्यादा चांदी का चढ़ावा मिला है. ये सोना-चांदी आभूषण के रूप में भगवान को भेंट किए गए हैं.
ये सांवलिया सेठ मंदिर की केवल डेढ़ महीने की कमाई है. पूरे साल की कमाई जानेंगे तो होश उड़ जाएंगे. क्योंकि इस मंदिर में आने वाले भक्त सिर्फ राजस्थान के नहीं हैं, बल्कि गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली समेत देश दुनिया की अलग-अलग जगहों से आते हैं.
दान में मिले पैसों का क्या होता है?
मंदिर प्रशासन का दावा है कि दान में मिले पैसों से मंदिर से जुड़े विकास कार्य होते हैं. धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन और आसपास के 16 गांवों में भी विकास कार्य कराए जाते हैं. मौजूदा समय में भी 275 करोड़ रुपये का विकास कार्य जारी है.