Rajasthan News: राजस्थान में अलवर के सरिस्का वन क्षेत्र से अक्सर वन्य जीवों के बाहर निकलने के मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन जब बाघ और बघेरे शहर में घुस जाते हैं तो दहशत का माहौल बन जाता है. इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें अलवर शहर में बघेरे सड़कों पर दौड़ते नजर आए, जिन्हें रेस्क्यू करने में वन विभाग के पसीने छूट गए. हालांकि, इस बीच सरिस्का के एक बाघ ST2402 को राजगढ़ के रैणी से रेस्क्यू किया गया.
यह बाघ पहले दौसा के महुआ खुर्द की तरफ पहुंचा, जहां उसने एक महिला सहित तीन लोगों पर हमला किया. इसके बाद वन विभाग की टीम गांव पहुंची, लेकिन उसे रेस्क्यू नहीं किया जा सका. वहीं अब बुधवार को बाघ अलवर जिले के रैणी कस्बे के चिल्कीबास के एक घर में घुस गया जिससे हड़कंप मच गया. वहीं लगातार पीछा कर रही वन विभाग की टीम ने शुक्रवार की सुबह बाघ को ट्रैंकुलाइज करने में सफलता हासिल की.
घर की रसोई में पहुंचा बाघ
डीएफओ सरिस्का अभिमन्यु सहारण ने बताया कि गुरुवार को सूचना मिली कि बाघ ST2402 रैणी के चिल्कीबास रोड स्थित एक मकान की रसोईघर में घुस गया. बाघ की जानकारी मिलने के बाद वनकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची और आज शुक्रवार को करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाघ को ट्रैंकुलाइज कर लिया गया. बाघ एक जनवरी को दौसा में घुस गया था. जहां उसने तीन लोगों पर हमला किया था. इसके बाद वापस दौसा अलवर बॉर्डर की तरफ पहुंचा बाघ सुबह-सुबह खुद ही पकड़ में आ गया.
जानकारी के अनुसार, चिल्कीबास गांव के रामदयाल के घर का किचन खुला था, जहां बाघ घुस गया और आराम करने लगा. इस दौरान वन विभाग की टीम ने पहले मॉनिटरिंग और फिर कार से मकान के पास पहुंचे. किचन के गेट से बाघ का पीछे का कुछ हिस्सा नजर आ रहा था, तभी डॉक्टर दीनदयाल ने एक शॉट में बाघ को ट्रैंकुलाइज कर दिया.
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तीन दिन से वनकर्मियों की टीम बाघ के पीछे थी. पहले बाघ दौसा की सीमा में था, यहां एक गांव में उसने तीन लोगों पर हमला किया. इसके बाद बुधवार को वनकर्मियों की जिप्सी पर भी हमला किया. वहीं गुरुवार को बाघ के फुटमार्क पगमार्क रैणी क्षेत्र की सीमा में मिले थे, लेकिन शुक्रवार की सुबह एक घर के किचन में बाघ के घुसने की सूचना मिली, उसके बाद टीम वहां पहुंची और उसे ट्रैंकुलाइज किया.
जुगल गांधी की रिपोर्ट.