राजस्थान के स्कूलों से गोधरा कांड के जिक्र वाली किताबें वापस मंगाई गईं, क्वॉलिटी चेक कराने के निर्देश
Rajasthan News: राजस्थान के स्कूलों से गोधरा कांड पर एक किताब सहित चार किताबें खराब गुणवत्ता के कारण वापस ली गई हैं. कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है.
Rajasthan News: राजस्थान के सरकारी स्कूलों के सिलेबस से चार किताबें वापस ली गई हैं. इनमें से एक किताब साल 2002 के गोधरा कांड और उसके परिणामों पर आधारित है. पाठ्यक्रम में यह किताब आने के एक महीने बाद इसे वापस मंगा लिया गया है. इसकी वजह क्वॉलिटी चेक बताई जा रही है.
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने 21 अक्टूबर को जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्कूलों से कक्षा 9 से 12 तक बांटी गईं कुछ किताबों की सभी प्रतियां वापस मंगवा लें. इनमें क्लास 9-12 के लिए 'जीवन की बहार' और 'चिट्टी एक कुत्ता और उसका जंगल फार्म' शामिल हैं. इसके अलावा, क्लास 11-12 के लिए 'अदृश्य लोग उम्मीद और साहस की कहानियां' और 'जीवन की बहार' हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सभी स्कूल प्रिंसपल को चारों किताबों की प्रतियां इकट्ठी कर अपने संबंधित ब्लॉक-स्तरीय कार्यालयों में जमा करनी होंगी. आदेश में कहा गया है कि कागज और छपाई की गुणवत्ता का टेस्ट करने के लिए 'GSM चेक' आयोजित किया जा रहा है. चारों किताबों को एक निजी संस्था ने 'लाइब्रेरी ग्रांट 2023-24' के माध्यम से छापा था.
'अदृश्य लोग-उम्मीद और साहस की कहानियां' किताब में एक चैप्टर है 'नौ लम्बे साल' जिसमें गोधरा कांड और परिणामों का जिक्र है. किताब में लिखा है, "गुजरात सरकार ने दावा किया था कि गोधरा ट्रेन अग्निकांड एक आतंकवादी साजिश थी, लेकिन यह कभी साबित नहीं हुआ. होई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट और यहां तक कि विशेष अदालतें इस निष्कर्ष पर पहुंचीं कि घटना में कोई आतंकवादी साजिश नहीं थी और यह तीन संदिग्धों (जिन्होंने नौ साल जेल में बिताए) ने कोई अपराध नहीं किया है."
किताब में यह भी लिखा है, "पुलिस कर्मी सिविल ड्रेस पहन कर और चेहरा ढंक कर मालिन बस्ती में गए और वहां के परिवारों को कोई स्पष्टीकरण दिए बिना 14 युवाओं को गिरफ्तार कर लिया."
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ''राजस्थान में शिक्षा के नाम पर 'नफरत फैलाने, जहर फैलाने' और 'अशोभनीय भाषा' सिखाने का जिम्मेदार कौन है? शिक्षा मंत्री अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं और जनता की गाढ़ी कमाई के 30 करोड़ रुपये खर्च कर नियम विरुद्ध किताबें खरीद रहे हैं ताकि बच्चों में नफरत फैलाई जा सके.”
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, "नैतिक शिक्षा की जगह अनैतिकता की सीमाएं लांघी जा रही हैं. सीएम भजनलाल शर्मा से अपेक्षा है कि बच्चों को बांटी जा रही इस सामग्री की जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए."
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