Rajasthan Seasonal Disesase Outburst: राजस्थान में मौसमी बिमारी बढ़ गई है, जिससे निपटने के लिए सरकार अब योजना बना रही है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि मौसमी बीमारियों के केस में बढ़ रहे हैं. इसलिए चिकित्सा विभाग को हाई अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. मौसमी बीमारियों के प्रबंधन में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं करने की हिदायत दी गई है.
स्वास्थ्य भवन में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेशभर में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा की गई है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, एक महीना मौसमी बीमारियों की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है. इसे ध्यान में रखते हुए मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण के इंतजाम सुनिश्चित किए जाएंगे. एंटीलार्वल, सोर्स रिडक्शन एवं फॉगिंग सहित अन्य गतिविधियां नियमित रूप से किये जाएं.
इसके लिए नगरीय निकाय सहित संबंधित विभागों के साथ समुचित समन्वय स्थापित किया जाएगा. अस्पतालों में जांच किट्स एवं दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रखने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के केस ज्यादा हैं, वहां डेडीकेटेड ओपीडी संचालित करने के साथ ही रोगियों के लिए बेड की समुचित उपलब्धता रखी जाए.
इन पर दिया जोर
प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि सभी जिलों में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर आईईसी गतिविधियां की जाएं. उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोगी घरेलू नुस्खे अपनाते हैं और स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचते हैं.
इसके चलते कई बार रोगी का जीवन बचा पाना संभव नहीं हो पाता. ऐसी स्थिति से बचने के लिए आमजन को डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया आदि के लक्षण, जांच एवं उपचार के बारे में जानकारी दी जाए और समय पर उपचार के लिए प्रेरित किया जाए. प्रभावी प्रबंधन के कारण प्रदेश में अब तक मौसमी बीमारियों की स्थिति नियंत्रण में रही है.
केस बीते साल के मुकाबले कम होने के साथ ही मौसमी बीमारियों से मृत्यु के मामले नगण्य हैं. सभी जिलों में जांच एवं उपचार की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं.
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