(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
राजस्थान में बारिश के बाद बढ़ा मौसमी बीमारियों का प्रकोप, जानिए क्या है सरकार की तैयारी?
Rajasthan News: राजस्थान में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल में सुबह 8 से रात 8 बजे तक ओपीडी संचालित होगा.
Rajasthan News: राजस्थान में बारिश के बाद मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है. लोग बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं. मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण के लिए सरकार मुस्तैद हो गयी है. मेडिकल टीमों की संख्या में इजाफा किया गया है.
स्थिति की जिलेवार समीक्षा करने की भी तैयारी है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने दिशा-निर्देश जारी किये. सवाई मानसिंह अस्पताल में अलग से ओपीडी संचालन करने को कहा गया है.
प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि सवाई मानसिंह अस्पताल में सुबह 8 से रात 8 बजे तक ओपीडी संचालित होगा. ओपीडी का संचालन आपातकालीन सेवाओं के सामने वाहन शाखा एवं क्रिटिकल केयर ब्लॉक के पास किया जायेगा. मेडिसिन विभाग के आचार्य एवं विभागाध्यक्ष को ओपीडी का प्रभारी बनाया गया है. ट्रॉपिकल मेडिसिन विभाग भी जरूरत पड़ने पर सहयोग करेगा.
बारिश के बाद मौसमी बीमारियों का बढ़ा प्रकोप
एलएचवी, सीएचओ, आशा कॉर्डिनेटर, बीपीएम, चिकित्सा अधिकारी, बीसीएमओ, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डीपीएम, डीएनओ, आरसीएचओ, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. समीक्षा बैठक में प्रभावी मॉनिटरिंग एवं पर्यवेक्षण सुनिश्चित करने की बात कही गयी है. राठौड़ ने मौसमी बीमारियों के लिए नियंत्रण कक्ष को और मजबूत बनाने का निर्देश दिया. जिलों से प्राप्त समस्याओं एवं शिकायतों का इन्द्राज कर 24 घंटे में निस्तारण किया जाए.
रोकथाम के लिए सरकार ने जारी की गाइडलाइन
प्रत्येक जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है. कन्ट्रोल रूम से प्राप्त समस्याओं का भी 24 घंटे में समाधान सुनिश्चित करना होगा. प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि डेंगू, मलेरिया, चिकुनगुनिया, स्क्रब टायफस आदि मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में रेपिड रेस्पान्स टीमें भ्रमण करेंगी. मौके पर गम्भीर रोगियों की जांच और इलाज जायेगा. आवश्यकता होने पर चिकित्सा संस्थान में रेफर करने की भी हिदायत दी गयी है. बचाव नियंत्रण संबंधी कार्यों जैसे एन्टीलार्वल, मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग, सोर्स रिडक्शन गतिविधियों की गुणवत्ता को जांचा जायेगा.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष नजर बनाए रखने को कहा गया है. अधिक रोगियों वाले क्षेत्रों में रोकथाम गतिविधियां की जाएं. पॉजीटिव रोगी पाये जाने पर फोकस संक्रमण को फैलने से रोकने पर होना चाहिए. अस्पतालों में दवाइयों, कीटनाशक, लॉजिस्टिक का पर्याप्त स्टॉक रखा जाए. मौसमी बीमारियों की स्थिति की प्रतिदिन समीक्षा कर अगले दिन की कार्ययोजना तैयार करने और निदेशालय में दैनिक रिपोर्ट भेजने की बात कही गई है.
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