मौसम परिवर्तन से मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है. लोगों में खांसी,जुकाम,बुखार का वायरल चल रहा है. कभी बरसात, कभी धूप तेज, तेज गर्मी के साथ उमस भरे वातावरण में लोगों को मौसमी बिमारियों से दो -चार होना पड़ रहा है. अस्पताल में मरीजों की लम्बी-लम्बी लाइन लगी है.
अगर किसी मरीज को अस्पताल में दिखाने आना है तो दोपहर तक का समय लेकर ही होगा. एक तो मरीज बीमारी से परेशान है दूसरा अस्पताल में भीड़ के कारण लाइन में लगे रहना बीमारी को बढ़ा रहा है. मरीज को पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लाइन में लगना होता है उसके बाद डॉक्टर को दिखाने के लिए लाइन में लगना पड़ता है अगर डॉक्टर ने कोई जांच लिख दी तो फिर जांच की लाइन में लगना होगा फिर दवाई लेने के लिए लाइन में लगना होगा.
जिला अस्पताल में मरीज सही होने के लिए आता है लेकिन उसकी बीमारी अस्पताल में आकर और बढ़ जाती है. सरकारी अस्पताल के साथ ही निजी क्लिनिक पर भी मरीजों की भीड़ देखने को मिलती है. शहर में यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्र में क्या हाल होगा. ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर चांदी कूटने में लगे है लेकिन चिकित्सा विभाग द्वारा झोलाछाप केखिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है.
क्या कहना है डॉक्टर का ?
डॉ. गौरव कपूर ने बताया है कि इस समय वायरल चल रहा है खांसी, जुकाम, बुखार के मरीज ज्यादा अस्पताल पहुंच रहे हैं. अस्पताल में प्रतिदिन 400 ओपीडी रहती है वायरल का प्रकोप आने से लगभग 600 के ओपीडी हो गई है. जिला आरबीएम अस्पताल की बात करें तो आरबीएम अस्पताल में पहले 1700 के लगभग ओपीडी होती थी लेकिन वायरल फैलने से अब 2300 के लगभग ओपीडी पहुंच गई है. जिला अस्पताल के अलावा आयुर्वेदिक,होम्योपैथिक और यूनानी पद्धति से इलाज कराने भी मरीज पहुंच रहे है.
मौसमी बीमारियों से लगभग प्रत्येक परिवार में एक दो सदस्य ग्रसित है तो कही पूरा परिवार ही खांस रहा है. देश में कोरोना महामारी ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी कर दिया है. लोग जरा भी बीमार होते है तो तुरंत अस्पताल पहुंच जाते है.
क्या कहना है अस्पताल अधीक्षक का
जिला आरबीएम अस्पताल की अधीक्षक डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया है कि मौसमी बीमारियों से अस्पताल में भीड़ बढ़ी है. मरीजों के रजिस्ट्रेशन के 4 काउंटर बनाये गए है. महिलाओं के लिए अलग है और सीनियर सीजन के लिए अलग दो काउंटर आम लोगों के लिए है.
खांसी जुकाम, बुखार का वायरल चल रहा है पहले ओपीडी 17 सौ की होती थी अब 24 सौ के आसपास पहुंच गई है मरीजों की भीड़ को देखते हुए पहले रजिस्ट्रेशन पर्चा को दवाई लेने से पहले चढ़वाना पड़ता था अब डॉक्टर को दिखाने के बाद सीधे दवाई दी जा रही है. अस्पताल प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है की किसी को भी कोई तकलीफ न हो.
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