Dungarpur News: राजस्थान हो या देश के अन्य राज्य, सभी जानते हैं कि जनता के हित के लिए सरकारी योजना का काम शुरू होता है उससे पहले रिश्वत का खेल चलता है. लेकिन राजस्थान में ही भ्रष्टाचार का चौकाने वाला मामला सामने आया है. पंचायती राज मंत्री द्वारा एक जिले में 20 सरकारी कामों की जांच कराई, जिसमें 19 कामों की स्थिति को देखकर भ्रष्टाचार होना पाया गया. इस पर मंत्री ने अधिकारियों को लताड़ लगाई और एसीबी में जांच करने की कहा. 


मंत्री के सवाल पर अधिकारियों के पास नहीं था कोई जवाब
दरअसल, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश चंद मीणा का डूंगरपुर जिले में दौरा चल रहा है. इसी दौरान मंगलवार दोपहर को कलेक्ट्रेट में विभागीय अधिकारियों बैठक ली. मंत्री ने पंचायती राज से जुड़ी योजना से संबंधित मनरेगा, पीएम आवास और अन्य योजनाओं से जुड़े अधिकारियों से सवाल पूछे तो वे कुछ नहीं बोल पाए. इस पर मंत्री ने कहा कि जब आपको नहीं पता तो योजनाओं का फिल्ड से क्रियान्वयन कैसे कराओगे.


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मंत्री के आने से पहले आई थी जांच की टीम
बैठक में मंत्री ने कहा कि डूंगरपुर आने से पहले जयपुर से तकनीकी अधिकारियों की एक टीम को भेजा था. टीम ने पूरे जिले में हाल ही हुए निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. इसका प्रजेंटेशन दिया और बताया कि करीब 20 काम देखे. इसमें सिर्फ एक काम ऐसा था, जिसको थोड़ा ठीक कह सकते हैं. अधिकांश कार्यों में गुणवत्ता खराब बताई और कहा कि लगभग सभी कामों में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी है. यहीं नहीं योजना को पूरा करने के लिए सबका भुगतान भी हो गया है. यह शर्मनाक स्थिति है, हमारी टीम ने कार्यों का निरीक्षण किया, और सब में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी पाई गई तो क्यों न आपके खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज कराया जाए. 


टेंडर ही कम दर में, जो भ्रष्टाचार को न्योता
मंत्री ने देखा कि वाटरशेड में कम दर पर टेंडर हुए है तो उन्होंने कहा कि जब बिलो रेट में निविदाएं होंगी तो क्या गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सकेंगे. यह तो भ्रष्टाचार को साफ न्योता है. उन्होंने वाटरशेड के इंजीनियरों से कहा कि छोटे-छोटे टेंडर करने से अच्छा है कि बड़ा टेंडर किया जाए, ताकि गुणवत्तापूर्ण कार्य के साथ ठेकेदार फर्म की जवाबदेही तय हो सके. स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा में मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जहां भी व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक शौचालयों का निर्माण हो, वहां ये देखा जाए कि उनका उपयोग हो रहा है या नहीं. ऐसा ना हो कि आसपास गंदगी हो रही है और लोग परेशान हैं.


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