Holi 2022 Semal Tree: देशभर में 17 मार्च को होलिका दहन और 18 मार्च को धुलंडी मनाई जाएगी. रंगों के इस त्योहार का कई मायनों में महत्व है. होलिका दहन में जिस पेड़ (Tree) की लकड़ी का उपयोग किया जाता है उसका भी औषधि रूप में काफी महत्व है. सेमल (Semal Tree) पेड़ की लकड़ी दिल (Heart) सहित स्किन की बीमारियों की रोकथाम के काम में आती है. उदयपुर (Udaipur) शहर स्थित विद्याभवन रूरल इंस्टिट्यूट के बॉटनी विभाग प्रभारी डॉ अनिता जैन (Dr Anita Jain) ने बताया कि इस पेड़ का कितना उपयोग और महत्व है.
औषधीय गुणों से भरा है पेड़
बॉटनी भाषा में इसको बोम्बेक्सिमा कहा जाता है और लोकल भाषा में इसे सेमल का पेड़ कहते हैं. सदियों से इस पेड़ की लकड़ी का उपयोग होलिका दहन में किया जा रहा है. इस पेड़ की लकड़ी फायर रेजिस्टेंट है और होलिका भी फायर रेजिस्टेंट थी, इसी कारण इस पेड़ की लकड़ी का उपयोग किया जाता है. ये पेड़ औषधीय प्वाइंट से बेहद महत्व रखता है. पेड़ का हर भाग औषधि उपयोग में आता है. जब ये पेड़ यंग अवस्था में होता है तब इसमें एक रूट यानी जड़ होती है, इस जड़ का उपयोग दिल की बीमारियों के लिए काफी होता है और ये वैज्ञानिक तौर पर प्रूव भी किया जा चुका है. ये ब्लड प्रेशर को कम करने के काम में भी आता है.
स्किन की समस्या होती है दूर
डॉ अनिता जैन ने बताया कि पेड़ की ऊपरी सतह के हर हिस्से में स्पाइन यानी जो नुकीलापन होता है उनको निकलते हैं और इनको पीसकर लगाने से स्किन की समस्या दूर की जाती है. जैसे पिम्पल, डार्कनेस आदि. साथ ही स्किन की कई क्रीम में इसका उपयोग किया जाता है. उन्होंने बताया कि, पेड़ के फूलों की बात करें तो ये लाल खून जैसा होता है. इसका उपयोग आदिवासी क्षेत्र की महिलाएं मेनोरेजिया क्योर करने के काम में लेती है.
काम में आती है पेड़ से निकलने वाली रूई
डॉ अनिता जैन ने आगे बताया कि इस पेड़ का फ्रूट जब मेच्योर होता है तो उसमें से रूई निकलती है तो तकिया सहित अन्य चीजें बनाने के काम में आती है. सबसे बड़ी बात ये है कि इस पेड़ में कई पक्षी नेस्टिंग भी करते हैं और फ्रूट इनके खाने के काम में आता है. उन्होंने ये भी बताया कि सेमल जैसा दिखने वाला एक पेड़ हारसिंगा भी होलिका दहन के उपयोग में लिया जाने लगा है.
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