दरअसल, अजब सेवा संस्थान के महासचिव अमित पोरवाल ने एबीपी न्यूज को बताया कि, अजब सेवा संस्थान की तरफ से शहर के यूनिवर्सिटी रोड पर डांडिया महोत्सव आयोजित किया गया है. इसमें अलग-अलग थीम के साथ अलग-अलग कार्यक्रम किए जाते हैं. इसी क्रम में डांडिया महोत्सव में तलवार रास हुआ. इसमें 10 साल से लेकर 60 साल तक की महिलाएं शामिल हुई थीं. डांडिया गीत पर महिलाओं ने अलग-अलग तरफ से तलवार को घुमाते हुए रास किया.
गुजरात की लोक परंपराओं के विद्वानों के अनुसार, तलवार रास उन राजपूत युद्ध नायकों की याद में बनाया गया था जो भूचर मोरी के ऐतिहासिक युद्ध (18 जुलाई, 1591) में मारे गए थे. यह गुजरात में किया जाने वाला एकमात्र रास नहीं है. कृषक समुदाय, योद्धा समुदाय, समुद्री समुदाय और यहां तक कि मुस्लिम मालधारी समुदाय सहित विभिन्न समुदायों द्वारा लगभग छह प्रकार के रास का प्रदर्शन किया जाता है.