Shekhawati Festival 2022: सीकर में शुरू हुआ 3 दिवसीय शेखावाटी उत्सव मेला, जानें खास बात
Rajasthan News: सीकर में 3 दिवसीय शेखावाटी उत्सव मेला 2022 (Shekhawati Festival 2022) का आयोजन किया जा रहा है. मेले को लेकर लोगों में खासा उत्साह भी देखने को मिल रहा है.
Rajasthan Shekhawati Festival 2022: राजस्थान (Rajasthan) के सीकर (Sikar) जिले के लक्ष्मणगढ़ में सीकर जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से 3 दिवसीय शेखावाटी उत्सव मेला 2022 (Shekhawati Festival 2022) का आयोजन किया जा रहा है. उत्सव मेले का आयोजन पंडित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 20, 21 और 22 मार्च को किया जा रहा है. सीकर पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक अनु शर्मा (Anu Sharma) ने बताया कि तीन दिवसीय मेले का आयोजन चल रहा है. 20 मार्च शाम को शेखावाटी उत्सव मेले का शुभारंभ किया गया था. मेले के दौरान खेल प्रतियोगिताओं, कवि सम्मेलन, राजस्थानी प्रसिद्ध गायिका सीमा मिश्रा द्वारा लोक गीतों का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा.
लोगों में दिख रहा है उत्साह
पिछले साल की तरह ही इस बार भी लक्ष्मणगढ़ के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 3 दिवसीय शेखावाटी उत्सव मेला 2022 का आयोजन किया गया है. मेले को लेकर लोगों में खासा उत्साह भी देखने को मिल रहा है. मेले की तैयारियों को लेकर लक्ष्मणगढ़ उपखंड अधिकारी कुलराज मीणा, पर्यटन विभाग सहायक निदेशक अनु शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष मुस्तफा कुरैशी, तहसीलदार भीमसेन सैनी, नगर पालिका जेईएन सुरेंद्र गोदारा, शेखावाटी मेले की प्रसिद्ध एंकर सरोज देवी, पार्षद फियाज डॉलर, पूर्व पार्षद संजीव भानुका, कांग्रेस नेता साबिर बाबू हाजी सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने अहम भूमिका निभाई है. मेले के दौरान हैरिटेज वॉक, खेलकूद प्रतियोगिता, राजस्थानी लोकगीतों के साथ-साथ अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
यहां हैं आकर्षक और ऐतिहासिक स्थल
सीकर जिले में बहुत से आकर्षक और ऐतिहासिक स्थल हैं जैसे नीमकाथाना, खंडेला, रामगढ़ शेखावाटी, फतेहपुर व हर्ष पर्वत. पर्यटकों को प्राचीन हवेली, मंदिर, छतरियां और फ्रेशको पेंटिंग्स खासा आकर्षित करते हैं. शेखावाटी इतनी खूबसूरत है कि इसे एक बार देखने पर मन नहीं भरता. खंडेला में बना किला अपने आप में अलग है. ऐतिहासिक विरासतों और धार्मिक आस्था के कारण पहाड़ियों से घिरा कस्बा खंडेला अद्वितीय है. आस्था एवं आध्यात्म का केंद्र यहां का नरसिंह मंदिर भी है. खंडेला की छतरियां एक सीधी रेखा में बनी हुई बेहद खूबसूरत हैं. ताम्र सभ्यता की जननी गणेश्वर ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद समृद्ध है.
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