देश में छोटे छोटे गांव से लेकर राजधानी राज्य की संस्कृति और वह की कला की झलक दिखती है. लगभग हर राज्य का कुछ ना कुछ स्पेशल नृत्य या गाना होता ही है. ऐसा ही उदयपुर में हरियाणा और मेघालय का हुआ है. हरियाणा में नवविवाहित पति को रिझाने तो मेघालय में अच्छी फसल होने पर संगीत और नृत्य करते हैं. यह दोनों नृत्य उदयपुर में चल रहे विश्व प्रसिद्ध शिल्प ग्राम मेले में हुए है. इस मेले में अलग अलग राज्यों के 500 कलाकार आए हुए है. जानिए क्या है नृत्य और क्या संदेश है इनके.


शिल्प ग्राम मेले में हरियाणवी घूमर में 10 महिला डांसर ने ‘मेरा दामन सीमा दे, ओ नणदी का बीरा...’ गाने पर घूमर लोक नृत्य किया. यह लोक नृत्य हरियाणा के गांवों में नव विवाहित अपने पति को रिझाने को करती हैं. जब परिवार के खेतों की फसल कट जाती है और अच्छी आय की उम्मीद से घर में खुशहाली का वातावरण बना होता है. तब वह अपने पति से अपने नए वस्त्रों और गहनों के साथ ही श्रृंगार सामग्री की डिमांड करती है. इसमें डांसर और सिंगर महिलाएं ही रहीं.


मेघालय में भी अच्छी फसल होने पर झूमते हैं लोग
मेले में सुदूर उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय का डांस  ‘वांगला’ हुआ. इस नृत्य में छह महिला और 10 पुरुष डांसर्स ने परफॉर्म निर्देशन राजिप संगमा ने किया. नृत्य मेघालय की गारो जनजाति का सबसे महत्वपूर्ण नृत्य है. यह फसल की देखरेख के मौसम के अंत का प्रतीक है. 


करीब तीन फुट लंबा ढोलक पहन कर नाचते हैं
यह नृत्य तब किया जाता है, जब सर्दियों की शुरुआत से पहले गारो जनजाति के लोग खेतों में लंबी अवधि तक मेहनत के बाद अच्छी पैदावार पा लेते हैं. मेघालय में वांगला त्यौहार भी मनाया जाता है. इसका पहले दिन रागुला नामम समारोह होता है, जो गांव के मुखिया के घर में किया जाता है. इसका एक प्रसिद्ध उत्सव भी मनता है, जिसे सौ ड्रम वाला उत्सव कहते हैं. दरअसल, इस  नृत्य के नर्तक गले में दाम नामक करीब तीन फुट लंबा ढोलक पहन कर उसे बजाते हुए नाचते हैं.


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