Siyasi Scan: राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. राजनेता अपने क्षेत्र में एक बार फिर पहुंच रहे हैं. ओसियां विधानसभा सीट राजस्थान के जाट समाज के दबंग नेता परसराम मदेरणा के परिवार की पारंपरिक सीट बन चुकी है. ओसियां विधानसभा सीट जोधपुर देहात कांग्रेस के क्षेत्राधिकार में आती है. 2018 के चुनावों में ओसियां विधानसभा से कांग्रेस की तेजतर्रार छवि रखने वाली दिव्या मदेरणा ने जीत हासिल की थी. 


अपने कार्यकाल में विपक्ष से ज्यादा अपनी ही सरकार के मंत्रियों के फैसले का खुलकर विरोध भी दर्ज करवाया. अपने बेबाकी अंदाज के चलते दिव्या मदेरणा हमेशा ही सुर्खियों में बनी रहीं. इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी आरएलपी व अन्य दल चुनावी मैदान में एक दूसरे को टक्कर देते नजर आएंगे. दिव्या मदेरणा व हनुमान बेनीवाल के बीच तीखी नोकझोंक जारी है.


मदेरणा परिवार की पारंपरिक सीट
ओसियां 2008 के परिसीमन के बाद यह सीट मदेरणा परिवार की पारंपरिक सीट बन गई है. 2008 के परिसीमन से भोपालगढ़ सीट के रिजर्व होने से मदेरणा परिवार ने ओसियां माइग्रेट कर लिया था. ओसियां विधानसभा क्षेत्र जाट बाहुल्य क्षेत्र है उसके बाद से मदेरणा परिवार ओसियां विधानसभा से ही चुनाव लड़ता आ रहा है. 


2008 के विधानसभा चुनाव ओसियां विधानसभा सीट से महिपाल मदेरणा ने चुनाव लड़ा था और जीत हासिल करने के बाद सरकार में राज्य के कैबिनेट मंत्री बने थे. अपने कार्यकाल के दौरान ही भंवरी देवी अपहरण व हत्याकांड के मामले में नाम आने के बाद सीबीआई की जांच में आरोपी बन गए. फिर महिपाल मदेरणा को जेल जाना पड़ा था


बीजेपी के भैराराम में भारी मतों से हराया
वहीं साल 2013 के विधानसभा चुनाव में लीला मदेरणा ने चुनाव लड़ा था लेकिन उनको भी हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव बीजेपी के भेराराम सियोल ने भारी मतों से जीत हासिल की थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज जाट नेता परसराम मदेरणा की पौती और महिपाल मदेरणा की बेटी दिव्या मदेरणा ने चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से बीजेपी प्रत्याशी भैराराम सियोल को हराया. इसके बाद तेज तर्रार विधायक के रूप में अपनी छवि बनाई है.


दिव्या मदेरणा और बेनीवाल के बीच तीखी नोकझोंक
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल दिव्या मदेरणा की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता अब सार्वजनिक हो चुकी है. सोशल मीडिया और अपने बयानों के जरिए दोनों में तीखी नोकझोंक अक्सर देखने को मिल रही है. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल कई बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पिछले चुनाव में दिव्या मदेरणा को बख्श दिया था वरना उनका जीतना मुश्किल था. वहीं दिव्या मदेरणा ने खींवसर जाकर हनुमान बेनीवाल को यह कहकर चुनौती दी थी कि वे खींवसर का टेंपरेचर नापने आई हैं.


गौरतलब है कि इस तरह की तीखी नोकझोंक से तो यह साफ तौर पर लग रहा है कि जैसे दोनों ही जाट नेता एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने की फिराक में है. आने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम ही बताएंगे कि कौन किस को नुकसान पहुंचाता है अभी तो दोनों ही नेताओं के बीच बयानबाजी को लेकर वाक युद्ध जारी है.


ये भी पढ़ें


Siyasi Scan: राजस्थान बीजेपी का वो नेता जो महज 300 वोट से हार गया था चुनाव, हाथ में अब पार्टी की कमान