Rajasthan Siyasi Scan: छात्र राजनीति में हार के बाद किसी चुनाव में नहीं मिली शिकस्त, पार्टी का अध्यक्ष बनने से चूक गया था ये दिग्गज नेता
Siyasi Scan: दिग्गज नेता की छात्र राजनीति की शुरुआत जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र अध्यक्ष पद के लिए पहले चुनाव लड़ने से हुई थी.
Rajasthan Political Story: छात्र राजनीति से प्रदेश और देश की राजनीति में कम समय में अपनी जगह बनाने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत की शुरुआत से ही संघ से जुड़ी पृष्ठभूमि रही है. संघ के सीमा जन कल्याण समिति के महासचिव पद पर रहते हुए सीमांत क्षेत्र में बड़ी जिम्मेदारी निभाई दबंग बेबाक अंदाज के साथ आमजान की आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं. हर विषय पर जोरदार पकड़ व आमजनता के बीच पहुंचकर उनके साथ सीधे संवाद के जरिए दुख दर्द सुनकर सांत्वना देने के कारण धीरे-धीरे शेखावत की लोकप्रियता बढ़ती गई. राजनीतिक कयासों के मुताबिक इन दिनों शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के भी प्रमुख दावेदार माने जाते हैं.
छात्र राजनीति की शुरुआत जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र अध्यक्ष पद के लिए पहले चुनाव लड़ने से हुई थी. उसमें गजेंद्र सिंह शेखावत को हार मिली. उसके बाद 1992 में हुए दूसरे चुनाव में शेखावत को छात्रसंघ का अध्यक्ष चुना गया यहीं से गजेंद्र सिंह शेखावत के राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ आर्ट्स और मास्टर ऑफ फिलॉसफी में डिग्री प्राप्त की थी. गजेंद्र सिंह शेखावत सॉफ्टबॉल के चैंपियन भी रह चुके हैं. अब राजनीति के चैंपियन बनकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबियों में शामिल हैं.
पहली मोदी सरकार में बने कृषि मंत्री
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी नए चेहरे की तलाश कर रही थी. इस दौरान कई लोगों के नाम भी इस दौड़ में शामिल थे. लेकिन अचानक गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम सामने आया. 2014 का लोकसभा चुनाव जोधपुर के राजघरानों की बेटी व पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रेश कुमारी के सामने लड़कर 5 लाख से भी अधिक वोटों से जीत हासिल की मोदी सरकार में कृषि राज्य मंत्री बनाए गए थे.
वैभव गहलोत को बड़े अंतर से हराया
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत को फिर से मैदान में उतारा गया. इस बार शेखावत का मुकाबला राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से हुआ. वैभव गहलोत को 3 लाख 5 हजार से भी अधिक वोटों से हराने के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गजेंद्र सिंह शेखावत को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री बनाया गया. इस मंत्रालय के द्वारा घर-घर जल पहुंचाने का काम किया गया.
प्रदेश अध्यक्ष बनने से चूके
राजस्थान की राजनीति में सक्रिय राजनीतिज्ञ गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के लिए नाम भी चला. 2018 में राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन सैनी का निधन हो गया था. उस दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए चल रहा था, लेकिन सतीश पूनियां को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.
अफ्रीका में की खेती
महेंद्र मेघवाल ने बताया कि एबीवीपी के हम कार्यकर्ता हुआ करते थे. उस दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत छात्र राजनीति के मैदान में उतर चुके थे. कई बार हम साथियों के साथ बैठकर शेखावत कहते थे कि राजनीति में आएंगे तो बड़े धमाके के साथ आएंगे. उनका यह कॉन्फिडेंस देखकर हमें लगता था यह कैसे होगा लेकिन अब बहुत खुशी होती है. जो कहा वह कर दिखाया. गजेंद्र सिंह शेखावत रियल एस्टेट का भी बड़ा काम कर चुके हैं. अफ्रीका में खेती का काम किया करते थे.
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