Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान (Rajasthan) के धोरों की धरती बाड़मेर (Barmer) जिले जाट नेता व सांसद कैलाश चौधरी (Choudhary) को मोदी सरकार में पहली बार सांसद बनते बड़ी जिम्मेदारी मिल गई. उन्हें किसानों से जुड़ा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया. कैलाश चौधरी एक बार बायतु से विधायक रह चुके हैं. शुरुआत से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े हुए हैं. कैलाश चौधरी का राजनीतिक सफर भी काफी चुनौतियों भरा रहा था. जमीनी कार्यकर्ता को कम समय में इतनी बड़ी उपलब्धि कैसे मिली, जानिए सब कुछ कैलाश चौधरी के बारे में पूरी जानकारी.


संघर्ष भरा रहा है जीवन
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया. चाय की दुकान पर चाय बेची थी. इसी तरह से सांसद कैलाश चौधरी का जीवन भी संघर्ष भरा रहा है. निजी बस में कई सालों तक कंडेक्टर बनकर टिकट चेक करने का काम भी किया. उसके बाद प्रॉपर्टी ब्रोकर का काम किया. आरएसएस से जुड़े रहे. उन्होंने बायतु रेल्वे स्टेशन पर कालका ट्रेन के ठहराव की मांग के लिए कई सालों तक आंदोलन किया था. इस आंदोलन में उन्हें सफलता भी मिली.


सोनिया गांधी का किया विरोध
जानकारी हो कि साल 2006 में बाड़मेर जिले के कवास में रेगिस्तान में बाढ़ आ गई थी. इससे वहां हाहाकार मच गया. उस दौरान राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार थी. सोनिया गांधी बाढ़ के हालात का जायजा लेने पहुंचीं थी. इस दौरान कैलाश चौधरी ने सोनिया गांधी का कवास पहुंचने पर भारी विरोध किया. उन्हें काले झंडे भी दिखाए गए. इस दौरान खूब हंगामा भी हुआ. इस संघर्ष में बाद वे अचानक सुर्खियों में आ गए थे, जिसके बाद कैलाश चौधरी राजनीतिक सफर में आगे बढ़ने लगे. जनता व किस्मत ने कभी उनका साथ नहीं छोड़ा.


बीजेपी के टिकट पर लड़ा विधानसभा चुनाव
कैलाश चौधरी ने बीजेपी के टिकट पर 2013 में बायतु विधानसभा का चुनाव लड़ा. उन्होंने कांग्रेस के कर्नल सोनाराम को हराकर जीत हासिल की. 2013 में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाया गया. सूत्रों से मिली जानकारी में सामने आया है कि वसुंधरा राजे के करीबी होने के कारण कैलाश चौधरी को किसान मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया.


2018 में फिर मिला टिकट
बाड़मेर की बायतु विधानसभा सीट से कैलाश चौधरी को एक बार फिर 2018 में टिकट दिया गया, लेकिन वे चुनाव हार गए. कैलाश चौधरी इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे. पहले नंबर पर कांग्रेस के हरीश चौधरी ने 2018 में जीत हासिल की थी. दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रत्याशी रहे. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. कुछ ही महीनों बाद लोकसभा चुनाव में कैलाश चौधरी को बीजेपी ने सांसद का उम्मीदवार बनाया. कैलाश चौधरी ने 2019 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके साथ ही उन्हें मोदी सरकार-02 में केंद्रीय मंत्री बनाया गया.


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