Rajasthan Siyasi Scan: राजनीति में पदों की जोड़ तोड़ तो लोग कई वर्षों से देखते आ रहे हैं. वहीं वर्तमान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot)की खींचतान एक ताजा उदाहरण है. दरअसल, प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट उप मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक घटना से उन्हें दोनों मुख्य पदों से हटाया गया, लेकिन यह एक पार्टी के बीच की घटना है. राजस्थान के पाली (Pali) में ऐसा वाकया भी हुआ था, जिसमें एक पार्षद जो शहरी राजनीति की छोटी इकाई है, वहां से सीधे व्यक्ति को सांसद बनते देखा और इसके उलट एक सांसद को पार्षद का चुनाव हारते देखा गया है. राजनीति में पदों के लिए जोड़-तोड़, समीकरण व उखाड़-पछाड़ का यह एक अजीब किस्सा है. इस किस्से ने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) तक को चौका दिया था.
क्या थी पूरी कहानी?
इस घटना को साझा करते हुए बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रकोष्ठ के पूर्व सदस्य व वरिष्ठ पत्रकार विजय प्रकाश विप्लवी ने बताया कि, साल 1987 की बात है जब पाली के मौजूदा सांसद मूलचंद डागा पाली नगरपालिका के पार्षद पद पर नामांकन भरकर चुनाव मैदान में उतर गए. उनके इस कदम से न केवल जिले व प्रदेश के नेता बल्कि प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी भी हैरान रह गए थे. वहीं डागा के बारे ऐसी जनधारणा भी थी वे हर स्थिति में अपने मन की ही करते थे. अंतत: उन्होंने सांसद रहते पार्षद का चुनाव लड़ लिया और चुनाव हार गए. इस चुनाव के कुछ समय बाद डागा दिवंगत हो गए. ऐसा माना जाता है कि वे हार का मनोघात सह नहीं सके.
कैसे पुष्प जैन पार्षद से बने सांसद
इसके विपरीत पाली में एक वाकया 1999 के लोकसभा चुनाव में हुआ. जब राजस्थान प्रदेश बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश महामंत्री (संगठन) ओमप्रकाश माथुर की पहल पर पाली के पुष्प जैन ने पार्षद से सीधे बीजेपी से सांसद प्रत्याशी होकर चुनाव लड़ा और जीत भी गए. जैन ने 13वीं व 14वीं लोकसभा में पाली का प्रतिनिधित्व किया. वे वर्तमान में भी प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं.
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