Ashok Chandna News: राजस्थान के पुष्कर में भाषण के दौरान फेंके गए जूतों के मामले में मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) ने कहा कि जो जूते फेंकने वाले लोग थे वह कतई लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते. उन्होंने जूता फेंकने वाले को कीचड़ बताया और कहा कि शहीदों के कार्यक्रमों में इस तरीके से जूता फेंकना एक प्रकार से कीचड़ ही है. वह जूता शहीदों के परिजनों को भी लगा था जो बिल्कुल सही नहीं, लेकिन इस घटना के पीछे कौन है यह सब आप जानते हो.
जब खेल मंत्री अशोक चांदना से सचिन पायलट (Sachin Pilot) के मुख्यमंत्री वाला तंज कसने वाला बयान पर सवाल पूछा तो चांदना ने कहा कि यह उनके ही लोग थे जिन्होंने जूते फेंके. ये लोग लगातार सभा में नारेबाजी कर रहे थे, हुड़दंग कर रहे थे, जूते तक फेंक रहे थे वह उनके समर्थक रहे हैं. ये लोग उन्हें फॉलो करते हुए नजर आए हैं, तो इससे साफ पता लगता है कि कौन यह षड्यंत्र रच रहा था.
मंत्री चांदना ने कहा कि आने वाले दिनों में जूते फेंकने वाली घटना का मैं खुद पर्दाफाश करुंगा. मैं खुद मीडिया के सामने इसका जवाब दूंगा और मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि इस तरह की घटना एक षड्यंत्र की तरह रची गई. यह आम घटना नहीं है एक पूरी प्लानिंग के तहत जूते फेंकने की घटना हुई है, वरना सभाएं तो पहले भी हुई है लेकिन ऐसी घटनाएं कभी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि राजनीति में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. इसके अलावा खेल मंत्री अशोक चांदना जूते फेंकने वाली घटना से काफी आहत हुए. उन्होंने ट्विटर पर जमकर पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुझ पर जूता फिकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बंने तो जल्दी से बन जाएं क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है.
जूते फेंकने वाले सचिन पायलट के समर्थक
खेल मंत्री ने कहा कि जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूं. इस ट्विटर वार पर खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि जूते फेंकने वाले समर्थक सचिन पायलट के समर्थक थे और वह लगातार सभा में उनके नारे लगा रहे थे तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह अचानक से हुआ घटनाक्रम था. इस प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम में हर किसी की हिम्मत नहीं होती कि वह ऐसी हरकत करें. प्रदेश सरकार के मंत्री मंच पर थे और लगातार नारेबाजी कर रहे थे जूते फेंक रहे थे तो इस घटना से यह साफ तौर से साबित होता है कि किसने यह विवाद करवाया है. राजनीति में विवाद होते रहते हैं यह पहली घटना नहीं है इससे पहले भी प्रधानमंत्री के सभाओं में ऐसे जूते फेंके जा चुके हैं.
राजनीति में इस तरीके की घटनाएं होना सही नहीं
चांदना ने कहा कि जो लोग ऐसी हरकत कर रहे थे उनका सचिन पायलट के साथ बैठना उठना है, लेकिन मेरा तो यही आह्वान है कि राजनीति में इस तरीके की घटनाएं होना सही नहीं है. इस तरीके से राजनीति का स्तर चला जाएगा ऐसा नहीं होना चाहिए. यह विकास के मुद्दों से ध्यान अटका कर विवाद करने जैसा है.