Rajasthan News: राजस्थान में मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी होने के मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. राज्य सरकार ने डॉ सुधीर भंडारी को स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन के सुचारू संचालन के लिए गठित स्टीयरिंग कमेटी के चेयरमैन पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. इस मामले में चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि राज्य सरकार प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए लगातार एक्शन लिया जा रहा है.
इससे पहले एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा और अधीक्षक डॉ अचल शर्मा को पद से हटाया गया था. आगे भी इसमें कार्रवाई होती रहेगी. राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर मानव अंग और उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, अपराध को समुचित प्राधिकारी नियुक्त किया है.
इस अधिनियम के तहत एक से अधिक समुचित प्राधिकारी नियुक्त किए जाने का प्रावधान है. डॉ. रश्मि गुप्ता पहले से ही समुचित प्राधिकारी के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं. मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी का प्रकरण सामने आने के बाद प्रभावी जांच की दृष्टि से राज्य सरकार ने विधिक राय उपरांत मानव अंग और उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के प्रावधानों के तहत अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, अपराध को समुचित प्राधिकारी नियुक्त किया है.
इन पर हुई कार्रवाई
एसीपी क्राइम के समुचित प्राधिकारी नियुक्त होने से इस प्रकरण में आपराधिक दृष्टि से जुड़े पक्षों पर भी गहन जांच-पड़ताल कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई संभव हो सकेगी. राज्य सरकार ने डॉ. राजीव बगरहट्टा को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और नियंत्रक के पद से और डॉ. अचल शर्मा को एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक पद से तत्काल प्रभाव से विमुक्त कर दिया है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. बगरहट्टा और एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. शर्मा को अपने पद से विमुक्त किया गया है. साथ ही राज्य सरकार ने कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और नियंत्रक और वरिष्ठ आचार्य, निश्चेतन डॉ. सुशील भाटी को एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक के पद का अग्रिम आदेशों तक कार्यभार सौंपा गया है.