Rajasthan: राजस्थान (Rajasthan) में पिछले 8 दिनों से न्यायिक कर्मचारी (Judicial Staff) हड़ताल (Strike) पर हैं, जिसके चलते अदालतों में कामकाज ठप पड़ गया है. वह 21 दिन पहले जयपुर के एनडीपीएस कोर्ट (NDPS Court) के सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा (Subhash Mehra) की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से नाराज हैं. नाराज न्यायिक कर्मचारियों ने मांग की है कि, पुलिस (Rajasthan Police) इस मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज कर, दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे.
न्यायिक कर्मचारी प्रदर्शन और सामूहिक अवकाश का आज आठवां दिन है, ऐसे में पिछले 7 दिनों से सभी अदालतों में कामकाज ठप पड़ा है. न्यायिक कर्मचारियों ने मांग की है कि, मृतक के परिजनों को अनुकंपा राशि के रूप में 50 लाख रूपये और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये.
न्यायिक कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष ने घटना को लेकर ये कहा
राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के जोधपुर जिला अध्यक्ष अनिल जोशी ने बताया कि, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार दावा कर रहे हैं कि पुलिस थानों में एफआईआर तुरंत दर्ज की जा रही है. लेकिन हमारे एक न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा की न्यायिक अधिकारी के घर पर संदिग्ध मौत के बाद परिवार वालों की ओर से पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई. जिसे पुलिस ने आज दिन तक दर्ज नहीं की है.
न्यायिक कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अनिल जोशी ने बताया कि, संगठन पिछले 7 दिनों से न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है. पुलिस प्रशासन इस मामले में तानाशाही रवैया अपनाये हुए है, जिसके चलते सुभाष मेहरा के मामले में सिर्फ मर्ग दर्ज किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि, प्रशासन का यह रवैया हमें मंजूर नहीं है. अनिल जोशी ने कहा, मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज करे, यह मामला ज्यूडिशियरी से जुड़ा है ऐसे में इसकी जांच सीबीआई से करवाई जाये. उन्होंने कहा कि, यदि मामला पुलिस के पास रहा तो दबाव के चलते मृतक को न्याय नहीं मिलेगा.
मृतक कर्मचारी न्यायिक अधिकारी घर ले कर गये थे सामान
न्यायिक कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अनिल जोशी ने प्रशासन से मांग करते हुए बताया कि, न्यायिक कर्मचारियों की दास प्रथा को बंद किया जाए क्योंकि न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा न्यायिक अधिकारी के घर सामान लेकर गए थे. उन्होंने कहा कि, हम सरकारी कर्मचारी हैं दास की तरह इस्तेमाल बंद होना चाहिए.
प्रदर्शन के लिए कर्मचारी अपना रहे हैं अनोखा तरीका
न्यायिक कर्मचारी जोधपुर में धरना प्रदर्शन के दौरान रोज़ना कोर्ट परिसर में सामूहिक रूप से विरोध दर्ज करवाने के लिए, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं. इस दौरान न्यायिक कर्मचारियों का कहना है, यह बड़ी विडंबना है कि हम न्याय की पूरी प्रक्रिया जानते हैं. वहीं हमारे न्यायिक कर्मचारी साथी सुभाष मेहरा की संदिग्ध मौत कि एफआईआर तक पुलिस नहीं दर्ज कर रही है.
प्रदर्शन करते हुए न्यायिक कर्मचारियों ने कहा, जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी. पुलिस और प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया जाएगा. कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें कई संगठनों का सहयोग मिल रहा है, जिससे अह यह प्रदेश व्यापी नहीं देशव्यापी आंदोलन बनने जा रहा है.
यह भी पढ़ें:
Karauli News: करौली में दूषित पानी पीने से 12 साल के बच्चे की मौत, 125 बीमार, 17 की हालत गंभीर