Rajasthan: छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगने से गरमाई राजनीति, राजेंद्र राठौड़ और हनुमान बेनीवाल ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना
Rajasthan Student Election 2023: राजस्थान में विधान सभा चुनाव से पहले छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाना मुद्दा बन गया है, सभी दल गहलोत सरकार पर हमला बोल रहे हैं. छात्र नेता आंदोलन करने की तैयारी में है.
Rajasthan Student Election: राजस्थान में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगने से यहां पर राजनीति गरमा गई है. विपक्ष पूरी तरह से सरकार पर हमलावर हो गया है. कई पूर्व छात्र नेताओं ने भी सरकार पर हमला बोला है, जहां नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सरकार से सवाल किया है. वहीं, सांसद हनुमान बेनीवाल ने आंदोलन की चेतावनी दे डाली है. पूर्व महासचिव नरसी किराड़ ने भी चुनाव बहाल करने की मांग की है.
अब राजस्थान विवि के छात्र नेता इस रोक के बाद से आंदोलित हैं. हालांकि, सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. सूत्रों का कहना है कि छात्र नेता इस मुद्दे पर एकजुट हैं और आगे भी इसपर आंदोलन करने की तैयारी में हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने बताई पुरानी बात
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी होती है. पिछले छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई का एक भी प्रत्याशी किसी विश्वविद्यालय में नहीं जीता था. इस बार भी विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में एनएसयूआई की मिट्टी पलीत होने और संभावित हार से बचने के लिए तानाशाही सरकार ने छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाई है जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के उल्लंघन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सेमेस्टर सिस्टम लागू नहीं होने का हवाला देने वाली सरकार की मंशा चुनाव कराने की है ही नहीं. क्योंकि चुनावी साल में सरकार भली भांति समझ गई है युवा से जुड़े छात्र संगठन एनएसयूआई को वोट नहीं देंगे इसलिए चुनाव ही नहीं करवाए जा रहे हैं. जिन विश्वविद्यालयों/ महाविद्यालयों में न्यूनतम 180 दिन अध्यापन कार्य करवाना भी चुनौतीपूर्ण हो तो राज्य की शैक्षणिक स्थिति की दुर्दशा का अंदाजा साफ लगाया जा सकता है.
सांसद हनुमान बेनीवाल का बड़ा हमला
नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने ट्वीट किया है कि राजस्थान में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव नही करवाने का निर्णय पूर्ण रूप से गलत है, छात्र संघ चुनाव से युवाओं को राजनीति में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होता है. लेकिन राजस्थान की हठधर्मी सरकार किसी को आगे बढ़ते हुए देखना शायद पसंद नही कर रही है.
राजस्थान की सरकार प्रदेश में बढ़ते तीसरे मोर्चे के प्रभाव, छात्र संघ चुनावो में भी थर्ड फ्रंट के बढ़ते बोलबाले से घबरा गई है. ऐसे में इस प्रकार के गैर जिम्मेदाराना निर्णय सरकार द्वारा लिए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री के स्तर से अगर जल्द ही छात्र संघ चुनाव को करवाने का निर्णय नही लिया गया तो आरएलपी प्रदेश भर में आंदोलन करेगी.
जल्द बहाली की मांग
राजस्थान विवि के वर्तमान महासचिव अरविन्द जाजड़ा ने कहा कि सरकार ने अपनी कमजोरी छिपाने के लिए ये फैसला लिया है. चुनाव हर हाल में होना चाहिए. नहीं छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा. राजस्थान विवि के पूर्व महासचिव नरसी किराड़ (Narsee Kirad) का कहना है कि ये छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. सरकार जल्द इसे बहाल करे.
छात्र नेता देव पलसानिया ने कहा गहलोत सरकार की इस कूटनीति को छात्र नही सहेगा राजस्थान विश्वविद्यालय के सभी संघटक महाविद्यालय में दूर दराज से छात्र अपना भविष्य निखारने के लिए आते हैं.