Rajasthan News: राजस्थान के धौलपुर जिले के मनियां पुलिस थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर नरेश शर्मा का 21 महीने का बेटा गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) से पीड़ित है. इस बीमारी की वजह से हृदयांश अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता है. डॉक्टर ने इलाज के लिए 17.5 करोड़ रुपये का एक इंजेक्शन ZOLGESMA की जरूरत बताई है. इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था करना हृदयांश के पिता नरेश चंद्र शर्मा के लिए संभव नहीं है. इसलिए अब नरेश शर्मा अपने बेटे हृदयांश की जान बचाने के लिए एक अभियान शुरू किया है. 


सब इंस्पेक्टर नरेश शर्मा ने कहा कि हमारे बेटे ने आठ महीने का होने के बाद भी घुटनों पर चलना शुरू नहीं किया. इसलिए हम उसे जयपुर के एक अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टर ने कहा कि उसकी मांसपेशियां कमजोर हैं और फिजियोथेरेपी का सुझाव दिया. इसके बाद हम दूसरे अस्पताल में गए, वहां भी कोई पायदा नहीं हुआ. इसके बाद वहां उसका आनुवंशिक परीक्षण किया गया और उसके बाद हमें उसकी बीमारी के बारे में पता चला.






हृदयांश के पिता ने की अपील
डॉक्टर ने जोल्गेन्स्मा इंजेक्शन का सुझाव दिया, जिसकी कीमत लगभग 17.5 करोड़ रुपये है, जो हमारी पहुंच से बाहर है. अब हम क्राउडफंडिंग के माध्यम से पैसा इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि हमारा बच्चा अन्य बच्चों की तरह चले और लंबी उम्र जिए. मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि हमारे बेटे की जान बचाने के लिए जो भी संभव मदद हो सके वह जरूर करें. वहीं भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश ने भी रेंज के सभी पुलिस परिसर से उप निरीक्षक नरेश चंद शर्मा की आर्थिक मदद करने की अपील की है.


डॉक्टर ने क्या कहा?
वहीं जेके लॉन हॉस्पिटल जयपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रियांशु माथुर ने बताया कि हृदयांश को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) बीमारी का पता चला था. ऐसे बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, उनके पैरों की हरकतें और भी अधिक प्रभावित होती हैं और धीरे-धीरे इसका प्रभाव उनके हाथ और श्वसन मांसपेशियों पर भी पड़ता है. इसके कारण उन्हें निमोनिया होता रहता है और अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है. इनमें से कई बच्चे जल्दी ही अपनी जान गंवा देते हैं.



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