Rajasthani Ker: केर की सब्जी और अचार से बढ़ा राजस्थानी थाली का स्वाद, देश विदेश में बढ़ रही मांग
Rajasthan Traditional Ker: राजस्थान पूरी दुनिया में अपनी पारंपरिक खानों और राजशाही रहन सहन के लिए मशहूर है. इसी तरह का एक मौसमी सब्जी है केर, जिसकी बाजार में हर रोज मांग बढ़ती जा रही है.
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Rajasthan Summer Vegetable Ker: पश्चिमी राजस्थान के तपते मरुस्थलीय इलाकों में पैदा होने वाले पौष्टिकता से भरपूर कड़वे फल केर की बहार आने लगी है. घर की रसोई और होटलों में सब्जी व आचार बनने लगे हैं. प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में गर्मी में सेहत के लिए अनुकूल स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरपूर केर के सब्जी की बहार छाई हुई है.
बता दें, कड़वे फल केर का पौधा कंटीली झाड़ीनुमा होता है. केर के पौधों को विकसित होने के लिए पानी की बहुत कम जरुरत होती है. इससे केर का स्वाद कड़वा होता जाता है. कम पानी में उगने वाला रेगिस्तानी फल केर पौष्टिकता और पोषण से भरपूर होता है. केर के पौधे की भी काफी विशेष होता है. हवा के नमी को सोख कर भी कई सालों तक यह हरा भरा रह सकता है.
कई पोषक तत्वों का खजाना
केर बंजार और पथरीली जमीन पर अधिक पाया जाता है. केर को खाने योग्य बनाने के लिए मिट्टी के एक बड़े मटके में पानी में नमक डालकर भिगोया जाता है. जिससे केर का कड़वापन खत्म हो जाता है. इसके बाद इसका खट्टा मीठा स्वाद हो जाता है। शहरी ग्रामीण क्षेत्र में केर की सब्जी व अचार पहली पसंद है. केर के कड़वे फल को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है.
300-400 रुपेये किलो बिकती है केर
इसके कड़वे फल से बनने वाली सब्जी का स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट होता है.इसे राजस्थान के पारंपरिक पकवानों में से एक माना जाता है. केर का पौधा पश्चिमी राजस्थान के धोरो और बंजर जमीन उगता है. गर्मी के मौसम में केर के पौधे की झाड़ियां फूलों से भर जाती हैं।.केर की पैदावार मात्र 2 महीने रहती है. केर इन दिनों बाजार में 300 से 400 रुपये प्रतिकिलो तक बिकता है.
सूखने के बाद केर का फल की कीमत कई गुना बढ़ जाती है. गांवो की दर्जनों महिलाएं अपनी ओढनी की जोली बनाकर केर तोड़ती नजर आती हैं. केर की उपज किसी जमाने में मात्र एक रोजगार का साधन था. अब धीरे-धीरे केर की मांग देश ही नहीं विदेशों में भी बढ़ गई है. जिसकी वजह से यह कई लोगों के व्यापार और रोजगार का जरिया बन गया है.
केर की सब्जी और अचार को चाव से खाते हैं लोग
केर की मांग इन देश विदेश, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ती जा रही है. पश्चिमी राजस्थान के अलावा केर की पैदावार प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी होती है. देश और विदेश में इससे बनने वाली सब्जी और आचार बड़े चाव से खाते हैं. कभी सिर्फ गांव के लोगों की थाली में नजर आने वाली केर की सब्जी और अचार होटल की डाइनिंग टेबल की जीनत बन गई है.
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