Rajasthan Suposhit Maa Abhiyan: राजस्थान (Rajasthan) के कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र (Kota-Bundi Lok Sabha Constituency) में गर्भवती महिलाओं को समुचित पोषण के माध्यम से दुनिया के सबसे कम मातृ-शिशु मृत्यु दर (Maternal-Infant Mortality Rate) के लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है. यहां 3 हजार गर्भवती महिलाओं को पोषण किट के माध्यम से उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है. निजी क्षेत्र के डॉक्टर्स नियमित जांच कर रहे हैं, नि:शुल्क दवा दे रहे हैं, पोष्टिक आहार दे रहे हैं, साथ ही बच्चा स्वस्थ्य पैदा हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. गभवर्ती महिला की 9 महीने तक अच्छे से देखभाल की जा रही है.

 

इसी कड़ी में सुपोषित मां अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को पोषण किट वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिला सशक्तिकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेहद गंभीरता से प्रयास करते हैं. इस प्रयास में वे महिलाओं के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं. इसी कारण उन्हें महिला शक्ति का भरपूर सहयोग और आशीर्वाद प्राप्त है. ओम बिड़ला ने ने कहा कि महिला सेवा, समर्पण और त्याग की मूर्ति है, लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि स्वस्थ मां ही स्वस्थ शिशु को जन्म देगी.

 


 

1000 महिलाओं के साथ हुआ था सुपोषित महिला अभियान का शुभारंभ 

 

ओम बिड़ला ने कहा कि महिला सुपोषित होगी तो ही भावी पीढ़ी स्वस्थ रहेगी. इसी उद्देश्य से 1000 महिलाओं के साथ सुपोषित महिला अभियान का शुभारंभ किया था. इसके पहले चरण के अपेक्षित सुपरिणाम सामने आए. इसी कारण दूसरे चरण में पात्र महिलाओें की संख्या 3000 कर दी गई है. समाज के हर व्यक्ति को इसमें सहयोग देना होगा. वे अपने आस-पास जहां भी वंचित वर्ग की ऐसी महिला देखें, जिसे पोषण की आवश्यकता है, उसे जनसहयोग से पोषण किट अवश्य उपलब्ध करवाएं. उन्होंने सुपोषित मां अभियान में लाभान्वित हो रही महिलाओं से आह्वान किया कि वे सरकारी या निजी स्तर पर संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दें. इसमें यदि कोई कठिनाई आ रही है तो बताएं, उसका समाधान किया जाएगा.

 

ओम बिड़ला ने दी महिलाओं को ये भी सलाह

 

उन्होंने कहा कि महिलाएं यह सुनिश्चित करें कि प्रसव से पहले और बाद में वे सभी टीके लगवाएं. इसी तरह शिशु के जन्म के बाद उन्हें भी टीके लगवाने में कोताही नहीं बरतें. शिशु के जन्म के बाद यदि उसमें उन्हें कोई बीमारी या कमी दिखाई दे तो उसकी भी सूचना दें, ताकि उसको समय से उपचार करवाया जा सके. इस अवसर पर सेवाभावी चिकित्सकों का सम्मान भी किया गया.